तुम्हें जल्दी बहुत थी, हमें आदत थी धीरे चलने की.. तुम जल्दी आगे बढ़ गए, हम आदतन पीछे चलते रहे.. तुमने मुड़ कर पीछे न देखा, हम आगे ही देखते रह गए.. तुम जल्दी में थे नहीं ठहरे, हम भी धीरे-धीरे चलते रहे.. तुमने सुना नहीं, हम कहते रहे.. तुमने जवाब न दिया, हम पूछते रह गए.. तुम फिसलते गिरते बढ़ते रहे, हम फूँक-फूँक कर चलते रहे.. तुम्हें जल्दी बहुत थी तुम चले गए, हमें आदत थी धीरे चलने की, हम तुम्हारे इंतजार करने का इंतजार करते रह गए।। ६६/३६५@२०२१ #जल्दी# original yreeta-lakra-9mba