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रातभर इक चाँद ने मेरे दिल में किया बसेरा उस चाँद स

रातभर इक चाँद ने मेरे दिल में किया बसेरा
उस चाँद से जाने क्या बतियाते रहे रातभर।
आंखों से मेरी नींद का रिश्ता जैसे टूट गया
ख्वाब सुहाने सजाते रहे और मुस्कुराते रहे
उस दुधिया रोशनी में हम नहाते रहे रातभर।
खुशबू से उसकी मेरा तन-मन महक उठा
पोर-पोर इस रूह का खुशी से चहक उठा
 हृदय गगन में तारे झिलमिलाते रहे रातभर।

©Nilam Agarwalla
  #रातभर