हँसाता सबको हूँ तो जोकर समज रखा है हँसता हूँ तो पागल समज रखा है , इन नवाबो ने हमारे हुनर को कचरा समज रखा है मरगए तो कायर समज रखा है , नाक से जीभ लगा दे उसे टेलेंट समज रखा है चाँद पे जमीन , डेली कॉलरशिप पटना से मुम्बई का सफर ओर कुछ घर मे पड़े लोगो ने हमे कायर समज रखा है । संकल्प justice SSR