काैन कहता है बेटियाँ परायी हाेती है, अब ताे बेटे भी पराये हाे जाते है। माँ-बाप और अपने सपनाें की खातिर, अक्सर लड़के भी घर छाेड़ जाते है। माँ की गाेद के बगैर नींद न आती थी जिनकाें, अक्सर वाे बगैर तकियें के हीं साे जाते है। खाने में जाे अक्सर नाक -भाैं चढ़ाते थे, अब वाे खुद से उबली मैगी बनाते है। हाेली -दीपावली भी घर नहीं आते, बहनाें से राखी भी कहां बंधवा पाते है। मस्त घुमा करते थे दाेस्ताें के संग जिन गलियाें मे , मुस्कुराते दाे नैनाें की खातिर, अक्सर उन्हें भी सिसकता छाेड़ जाते है। बेटियाँ ताे राे लेती है , माँ-बाप के गले लग कर। माँ काे फिक्र न हाे , इसलिये बेटे मुस्कुरा के विदा लेते है। घर से दुरी सबकाे सताती है,लड़का हाे या लड़की माँ-बाप की याद सबकाे रूलाती है। #yqbaba#yqdada#yqhindi#yqlove#yqdidi#yqtable#yq