स्कूल के टिफिन से लेकर, बोतल भी साथ मे खोला हैं अपने लिए कोई नहीं, एक दूसरे के लिए साथ होना है बात-बात पे एक दूसरे से हैं उलझे, बात मुझे समझाने की हो तो एक साथ सब है सुलझे यारो अहसान कैसे अदा कर पाऊँगी, कहीँ भी जाऊँ तुम सब के बिना रह ना पाऊँगी चाहे जितने भी दिखावा करने वाले अपने हों, तुम सबके सबके बिना हों क्या सपने वो पर क्या करूँ तुमने सब ने ही सिखाया है, जो कभी किसी को ना दिखी उस अर्पिता को दिखाया है। ये मेरे उन दोस्तों के लिए जो हमेशा मेरे साथ रहे हैं. #friends #dosti #dost #relationship #friendship