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Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोत

Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोते हैं ।
एहसासों से मन का रिश्ता अब जोड़ के सोते हैं ।
पूछो न मेरे हमदम कितनी अब सर्द हिज़्र की राते हैं,
इक कम्बल तेरी यादों की हम ओढ़ के सोते हैं ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O #Book #शायरी #virel #कविता #रात #इश्क #प्यार #नीरज
Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोते हैं ।
एहसासों से मन का रिश्ता अब जोड़ के सोते हैं ।
पूछो न मेरे हमदम कितनी अब सर्द हिज़्र की राते हैं,
इक कम्बल तेरी यादों की हम ओढ़ के सोते हैं ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O #Book #शायरी #virel #कविता #रात #इश्क #प्यार #नीरज