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heart इक तिरछी नज़र बेसबब पड़ रही है फिर रवानी लिए

heart इक तिरछी नज़र बेसबब पड़ रही है
फिर रवानी लिए ये ज़मीं चल रही है
कल तक थी लिपटी,धुंध कि चादरों में
लिए धूप देखो, सितम कर रही है
ये सरसों के खेत,ये मचलती बहारें 
परिंदो के गानो से,दिल भर रही है
चुपके से आती  ये पछुवा दीवानी
गगन कि कहानी बयां कर रही है 
है लहराती सरगम,जलतरंगो पे ऐसे
मुहब्बत के गीतों से दिल भर रही है
राजीव

©samandar Speaks
  #Heart  Mukesh Poonia Samima Khatun Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Khushi Tiwari