मुर्ग़ ने ये एक दफा पूछा सवाल एक बाज़ से, जुर्म क्या है मेरा जो इंसान का हूँ मै शिकार! राज़ ये बतलाया उसको ख़ुद निगर उस बाज़ ने, जो उड़ा न आसमाँ में वो हुआ बरबादो ख़्वार! आह! तेरा जुर्म बस इतना है के तूने महज़, ज़िन्दगी के राज़ को समझा है दानों का शुमार! तूने आज़ादी को अपनी कर दिया ख़ुद ही फ़रोख़्त, चन्द दानों के एवज़ जब बिक गया तेरा वक़ार! {शुमार= to count, फ़रोख़्त = sell, एवज़ = in lieu, ख़ुद निगर= self -made, वक़ार = self respect} #nojoto #selfmade #secretoflife #live2lead #act2inspire #राज़ेख़ुदी