#OpenPoetry बच्चो संग कुछ बच्चा बनकर, चालाकी मे कुछ कच्चा बनकर, लाभहानि से कोसो दूर कही पर, थोड़ा मन का सच्चा बनकर, अच्छा लगता हैं। बच्चो संग कुछ बच्चा बनकर, अच्छा लगता हैं। खुशियों का सुन्दर गुच्छा बनकर, यारो का सबसे पक्का बनकर, ऊँच नीच सब भेद मिटाकर, प्रेम का सौदागर सस्ता बनकर, अच्छा लगता हैं। बच्चो संग कुछ बच्चा बनकर, अच्छा लगता हैं