Nojoto: Largest Storytelling Platform

"मैं शून्य पे सवार हूँ" घ

"मैं शून्य पे सवार हूँ"                        

घड़ी के काँटे भी यहाँ,
चरित्र आज रच रहे,
Rape करने वाले भी यहाँ,
पैसे दे सब बच रहे,
बड़ी सस्ती कीमत है यहाँ,
ज़िन्दगी-ए-मौत की,
गलत नही शायद इसमे कुछ,
क्योंकि बात है बस सोच की,
कि वो भी मैं, और मैं भी वो हूँ,
इसलिए कर रहा आज वार हूँ,
मैं शून्य पे सवार हूँ,
मैं शून्य पे सवार हूँ।

•°•°• Full poem in Caption 👇•°•°•
     मैं शून्य पे सवार हूँ,
बेअदब और बेखुमार हूँ,
आज लिख रहा कुछ हौसला,
शायद खुद से भी नाराज़ हूँ,
क्योंकि बँट रहा ज़मीर आज,
खुले इस बाजार में,
घट रही इंसानियत,
शर्म से संसार में,
"मैं शून्य पे सवार हूँ"                        

घड़ी के काँटे भी यहाँ,
चरित्र आज रच रहे,
Rape करने वाले भी यहाँ,
पैसे दे सब बच रहे,
बड़ी सस्ती कीमत है यहाँ,
ज़िन्दगी-ए-मौत की,
गलत नही शायद इसमे कुछ,
क्योंकि बात है बस सोच की,
कि वो भी मैं, और मैं भी वो हूँ,
इसलिए कर रहा आज वार हूँ,
मैं शून्य पे सवार हूँ,
मैं शून्य पे सवार हूँ।

•°•°• Full poem in Caption 👇•°•°•
     मैं शून्य पे सवार हूँ,
बेअदब और बेखुमार हूँ,
आज लिख रहा कुछ हौसला,
शायद खुद से भी नाराज़ हूँ,
क्योंकि बँट रहा ज़मीर आज,
खुले इस बाजार में,
घट रही इंसानियत,
शर्म से संसार में,
varunkumar4444

Varun Kumar

New Creator