हुस्न की दास्तान क्यों बाजारों में सुनाई देती हैं देखने वालों को ना जाने क्यों हाथों की लकीरों में किस्मत दिखाई देती है यह जमाना क्या जाने का मेरे दर्द को लोगों की हंसी में भी मुझे मायूसी नजर आती है ©Chandel Gujjar #अमित गुर्जर शायरी #meltingdown