कुण्डलिया कलयुग के बाजार में ,लगता बहु का मोल बेटा गिरवी राखकर , उच्चतम दाम बोल उच्चतम दाम बोल, सहचरी कैश कराओ टीवी कूलर देख ,दहेज का गीत गाओ गिरवी वाला पूत,पाए भार्या में सब युग निजकर्मो का फलसब,व्याधि क्यों झेले कलयुग अर्जित पाण्डेय