ये इश्क़ उसे क़ैद कर पिंजरे में। क़ीमत पाने के लिए ले जाता, उसकी नुमाइश करने बाज़ार में। लगाकर बोली उसकी वहाँ, नीलाम करता है। हर एकदिन, इश्क़। #येरंगचाहतोंके साथ हम बात कर रहे थे #इश्क़ की पिछली कड़ी में आप पढ़ ही चुके है। "इश्क़ की गली विच नो एंट्री" सुनने के बाद भी आप और जानना चाहते है तो सुनो... ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़..... 😂😂😂 ये इश्क़ डंक बिछुआ का लगजाये हो रामा तो ना दवा लगे ना दुआ लगे रोगी सिर पटक पटक मर जाये" 😂😂सावधान रहना ही ठीक है । और इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें किस क़दर चोट खाये हुए है। भाई बताने लायक रहता ही कहाँ है #इश्क़िया वह तो बस उ ला ला उ ला ला उ ला ला करने लायक ही बच पाता है।😝😝😂😂 इसके अलावा और क्या करे बिचारा... ये इश्क़ है बड़ी गज्जब की चीज़ क़सम से जब भी किसी को होता है पानी वाला डांस कराके ही छोड़ता है। अच्छा एक बात और इश्क़ में एक पल की भी जुदाई लगती है सौ साल।