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ankitpaliwal8380
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Ankit Paliwal

शायर

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Ankit Paliwal

यूँ तो हम किसी से फरियाद नहीं करते।
फितरत है, बेवजह किसी को याद नहीं करते।
पर जाने उन्हें क्या हुआ,
जो कहते थे खुद को जान हमारी।
अब दिन बीत जाता है और वो बात नहीं करते।

लेखक- अंकित पालीवाल #Hopeless #Emotions#sad #Lover#lonely #Izhar#love #heartneverbroken #Quotes#broken
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Ankit Paliwal

लाज़मी है तुम्हे देख तबस्सुम मेरा।
भला चाँद का दीदार किसे ना-गबार हो।।

Ankit Paliwal #Dreams #Love #write #Nature #Bollywood #Hollywood #shayri #Shayar
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Ankit Paliwal

यूँ तो ज़िन्दगी बड़ी खुशमिज़ाज़ है लेकिन,
दिल को मर्ज इस शायरी का है शायर।
कम्बख्त रह-रह कर दिल में दर्द जगा देती है।

लेखक - अंकित पालीवाल मर्ज-ए शायरी

मर्ज-ए शायरी

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Ankit Paliwal

यूँ तो ज़िन्दगी बड़ी खुशमिज़ाज़ है लेकिन,
दिल को मर्ज इस शायरी का है शायर।
कम्बख्त रह-रह कर दिल में दर्द जगा देती है।

लेखक - अंकित पालीवाल मर्ज-ए-शायरी

मर्ज-ए-शायरी

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Ankit Paliwal

कौन कम्बख्त कहता है , बड़ी महंगाई है दुनिया में।
कभी मुकम्मल बाजार में ईमान खरीदने तो निकलो।

लेखक - अंकित पालीवाल बाज़ार-ए-ईमान

बाज़ार-ए-ईमान

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Ankit Paliwal

सुना है कागज के लिफाफे में, 
कुछ नए दिन पहुचाये है, एक ठरकी बूढ़े ने।
पहले लिफाफा खोल कर ज़रा देख तो लूँ,
पढ़ तो लूँ, गिन तो लूँ।
इनमे से कितने दिन है मेरे हिस्से के,
कितने मेरी हसीन कहानी के,
कितने ग़मगीन किस्से के।
तब कहूँगा नया साल मुबारक,
वरना अपना पहले जैसा हाल मुबारक़।

लेखक - अंकित पालीवाल
नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ नव वर्ष 2019 की शुभकामनाये

नव वर्ष 2019 की शुभकामनाये

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Ankit Paliwal

आदत नहीं मेरी , नुख्स निकालूँ मैं किसी में।
फितरत है मेरी, देखता हूँ बस अच्छाई
हर किसी में।

लेखक - अंकित पालीवाल नजरिया

नजरिया

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Ankit Paliwal

चंद हसरतें जो हुई है पूरी, 
तो न कर गुमान कामयाबी का।
कई मर्तबा रास्ते खो जाते है, 
मंजिलों के पास जाके।

लेखक- अंकित पालीवाल मंजिल

मंजिल

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Ankit Paliwal

मैं अपने तजुर्बे से जीता हूँ, 
नहीं किसी से विनती करता।
जितना जिया हूँ, जितना जियूँगा।
खुल के जियूँगा,
नहीं दिनों की गिनती करता ।

लेखक-अंकित पालीवाल जीने का तजुर्बा

जीने का तजुर्बा

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Ankit Paliwal

ये तपिश नहीं सूरज की, दिलों में धधकते अंगारे है।
ऊपर से सब शीतल है, अंदर से सुलगते सारे है।
चेहरा छुपाकर कहते हैं, साथ हम तुम्हारे है।

लेखक - अंकित पालीवाल इंसान की हकीकत

इंसान की हकीकत

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