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amitkumardev2318
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AMIT KUMAR DEV

writer ✍️

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AMIT KUMAR DEV

हंस तो लेता हूँ लेकिन
 रोना मुश्किल होता है

©AMIT KUMAR DEV
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AMIT KUMAR DEV

चलो दूर दूर रहके भी गुनाह कर लेते हैं
हम बिन मिले इश्क़ बेपनाह कर लेते हैं

अपनी जिम्मेदारियों को चढ़ा कर सूली
बैटरी वक़्त और डेटा तबाह कर लेते हैं।

#देव

©AMIT KUMAR DEV #sparsh
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AMIT KUMAR DEV

Success is walking from failure to failure with no loss of enthusiasm. Success is walking from failure to failure with no loss of enthusiasm.

Success is walking from failure to failure with no loss of enthusiasm.

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AMIT KUMAR DEV

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AMIT KUMAR DEV

जलिया वाले बाग का जो जनरल डायर हत्यारा था, 
उस डायर को ऊधम सिंह ने लंदन जाकर मारा था जलिया वाले बाग का जो जनरल डायर हत्यारा था, 
उस डायर को ऊधम सिंह ने लंदन जाकर मारा था

जलिया वाले बाग का जो जनरल डायर हत्यारा था, उस डायर को ऊधम सिंह ने लंदन जाकर मारा था #Shayari

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AMIT KUMAR DEV

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहती थी बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।
😥😥😥 सर्द रातों में सताती है ।

सर्द रातों में सताती है । #Shayari

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AMIT KUMAR DEV

यही फर्क था हम दोनों   के  प्यार      में..

मुझे उससे ‘ही‘ था,   
उसे मुझसे ‘भी‘ था....! यही फर्क था हम दोनों   के  प्यार      में..

मुझे उससे ‘ही‘ था,   
उसे मुझसे ‘भी‘ था....!

यही फर्क था हम दोनों के प्यार में.. मुझे उससे ‘ही‘ था, उसे मुझसे ‘भी‘ था....!

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AMIT KUMAR DEV

गम- ए- हयात ने बख्शे ,,,,हैं सारे सन्नाटे,,,
कभी हमारे पहलू में भी कोई दिल धड़कता था।।
MR.DEV गम- ए- हयात ने बख्शे ,,,,हैं सारे सन्नाटे,,,
कभी हमारे पहलू में भी कोई दिल धड़कता था।।

गम- ए- हयात ने बख्शे ,,,,हैं सारे सन्नाटे,,, कभी हमारे पहलू में भी कोई दिल धड़कता था।।

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AMIT KUMAR DEV

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AMIT KUMAR DEV

कौन किसके हबीब होता है, कौन किसके करीब होता है, यू ही बन जाते हैं, रिश्ते जहाँ हर किसी का अपना नसीब होता हैं। कौन किसके हबीब होता है, कौन किसके करीब होता है, यू ही बन जाते हैं, रिश्ते जहाँ हर किसी का अपना नसीब होता हैं।

कौन किसके हबीब होता है, कौन किसके करीब होता है, यू ही बन जाते हैं, रिश्ते जहाँ हर किसी का अपना नसीब होता हैं।

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