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PRADUMN SHARMA

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भूतिया रास्ता की कहानी।
भूतिया रास्ता की कहानी

Bhutiya Rasta Ki Kahani Haunted Road Story In Hindi Moral Real Horror Story To Read, Darawani Short Chudail Bhoot Ki Hindi Kahani Film, Short Moral Bhutiya Hunted Stories, New Real Ghost Horror Story In Urdu, Koo Koo TV Horror, डायन, चुड़ैल, आत्मा की कहानियाँ

भूतिया रास्ता की कहानी - Haunted Road Story In Hindi

Bhutiya Rasta Horror Story – यह कहानी है सुजानपुर की पहाड़ो के बिच बसा एक खूबसूरत गांव, लेकिन कहते है इस गांव तक आने वाला जंगल का रास्ता भूतिया है।

प्रभाकर कुछ दिन पहले ही इस गांव में रहने आया था वह भी गांव वालो से इस रास्ते के बारे में सुन रखा था। लेकिन प्रभाकर चुड़ैल भूत पर विस्वाश नहीं करता था।

एक दिन वह रात को उसी रास्ते से अपने बाइक से शहर से लौट रहा था और उसकी बीबी “सुगंधा” भी उसके साथ थी। अचानक से एक काली बिल्ली उसका रास्ता काट देती है। प्रभाकर जोर से ब्रेक लगाता है तभी वह काली बिल्ली उसके बाइक के पास आकर गुर्राने लगी।

दोनों बिल्ली को भगाने का प्रयास करते है लेकिन उस बिल्ली का गुर्राना बंद नहीं होता है। गुर्राते-गुर्राते वह सुगंधा के ऊपर चढ़ जाती है वह उसे हटाने का प्रयास करती है लेकिन बिल्ली उसे जोर से दबोचा हुआ होता है तब प्रभाकर बिल्ली को पीछे से पकड़ता है और सुगंधा को उसकी पकड़ से छुड़ाता है।


फिर प्रभाकर एक पत्थर उठाकर उसे मरता है बिल्ली जोर से गुर्राते हुए सामने के पेड़ पर चढ़ जाती है और अचानक वहा से गायब हो जाती है। उसे अचानक गायब होते देख दोनों डर जाते है।

प्रभाकर – ये बिल्ली कहा गायब हो गयी।

सुगंधा – गांव वाले सही कहते है ये रास्ता सच में भूतिया है वो बिल्ली जरूर कोई भूत थी।

प्रभाकर – तुम भी ना, जंगल का रास्ता है यहाँ जंगली बिल्लिया और जानवर तो होते ही है।

सुगंधा – होते होंगे, लेकिन वो किसी पर इस तरह हमला नहीं करते होंगे। चलो-चलो अब जल्दी निकलो यहाँ से कही फिर से कोई जानवर ना आ जाये।

प्रभाकर ने बाइक स्टार्ट किया लेकिन जैसे ही बाइक की हेडलाइट जली उसे सड़क पर कई सारे गहने गिरे हुए दिखाई दिए और उसमे सोने के सिक्के भी थे वह कुछ सोच पाता तभी उसे किसी औरत के रोने की आवाज आने लगी।


सुगंधा – अब किसका इंतजार कर रहे हो हम किसी मुसीबत में ना फस जाये।

वे दोनों घर लौट आये लेकिन प्रभाकर के आँखो के सामने वो सोने के गहने और सिक्के अभी भी घूम रहे थे। वैसे तो प्रभाकर को किसी बात की कमी नहीं थी लेकिन वो बहुत लालची था वो उन गहनों को किसी तरह हासिल करना चाहता था।

अगले दिन प्रभाकर अकेले ही बीज लेने के लिए शहर जा रहा था और सुगंधा की बातो को अनसुना करके बाइक स्टार्ट करके घर से निकल गया। थोड़ी देर बाद वह उसी भूतिया रास्ते पर पहुंच गया दिन के समय भी वह रास्ता बिलकुल सुनसान था।

प्रभाकर अपनी बाइक से चला जा रहा था तभी उसे रास्ते के किनारे पर एक सुन्दर सी दुल्हन दिखाई दी जो रो रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था की इस सुनसान रास्ते पर यह दुल्हन कहा से आयी।

वह उससे कुछ पूछता तभी वह उसके पास आ गयी और रोते हुए बोली।

दुल्हन – भाई साहब देखिये ना मै रास्ता भूल गयी हूँ, मुझे शहर जाना है क्या आप मुझे शहर छोड़ देंगे।

प्रभाकर – लेकिन तुम यहाँ कैसे आयी, लोग कहते है की ये रास्ता भूतिया है। तुम दुल्हन के कपड़ो में हो और लोग कहा है।

दुल्हन – क्या बोलू भाई साहब.. मै अपने पति के साथ कार से इस रास्ते से गुजर रही थी अचानक एक काली बिल्ली ने हमारा रास्ता काट दिया और हम लोग रुक गए। मेरे पति ने कार रोकी तभी उन्हें झाड़ियों के पीछे से किसी औरत के रोने की आवाज आयी वह वहा गए तभी उनकी चीखने की आवाज आयी मै दौड़ कर वहा गयी तो देखा वो वहा मरे पड़े है।


प्रभाकर – तुम्हारा पति मर गया।

दुल्हन – हां वो मर गए उनकी लाश झाड़ियों के पीछे पड़ी है आप प्लीज मेरी मदद करिये और मुझे शहर तक छोड़ दीजिये बदले में मै आपको ये सारे सोने के गहने के दूंगी और मेरे पास कुछ सोने के सिक्के भी है।

सोने की बात सुनकर प्रभाकर की कान खड़े हो गए वो तो इसी की तलाश में आया ही था उसने उन सिक्को को अपने हाथो में ले लिया लेकिन जैसे ही उसने अपने हाथो में लिया वह लड़की अब दुल्हन से चुड़ैल में बदल गयी और जोर-जोर से हसने लगी और प्रभाकर धुएं में बदलने लगा।

कुछ ही देर में प्रभाकर पूरी तरह से धुएं में बदल गया। उस चुड़ैल ने उस धुएं को एक बोतल में कैद कर लिया और ऊपर से ढक्कन लगाकर पहाड़ी के पीछे अपने घर के तैखाने में ले गयी। वहा पर पहले से ही धुएं से भरी कई सारे बोतले थी।

चुड़ैल – आज मेरी 11 लोगो की गिनती पूरी हो गयी बिना सोने का लालच दिए मै इन्हे धुएं में नहीं बदल सकती थी, लालची कही के। कल अमावस्या है कल मै इन सब को इनके असली रूप में ले आउंगी और इन सबको मारकर इनके आत्मा पर कब्ज़ा कर लूँगी और फिर उसे अपने पति के शरीर में प्रवेश करा दूंगी और वो फिर से जीवित हो जायेंगे।

दूसरी ओर रात काफी हो गयी थी प्रभाकर के घर नहीं पहुंचने पर सुगंधा को चिंता होने लगी। पूरी रात सुगंधा ने प्रभाकर का रास्ता देखा लेकिन नहीं आया उसे समझ नहीं आ रहा था की वहा कहा चला गया।

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सुगंधा – अब किसका इंतजार कर रहे हो हम किसी मुसीबत में ना फस जाये।

वे दोनों घर लौट आये लेकिन प्रभाकर के आँखो के सामने वो सोने के गहने और सिक्के अभी भी घूम रहे थे। वैसे तो प्रभाकर को किसी बात की कमी नहीं थी लेकिन वो बहुत लालची था वो उन गहनों को किसी तरह हासिल करना चाहता था।

अगले दिन प्रभाकर अकेले ही बीज लेने के लिए शहर जा रहा था और सुगंधा की बातो को अनसुना करके बाइक स्टार्ट करके घर से निकल गया। थोड़ी देर बाद वह उसी भूतिया रास्ते पर पहुंच गया दिन के समय भी वह रास्ता बिलकुल सुनसान था।

प्रभाकर अपनी बाइक से चला जा रहा था तभी उसे रास्ते के किनारे पर एक सुन्दर सी दुल्हन दिखाई दी जो रो रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था की इस सुनसान रास्ते पर यह दुल्हन कहा से आयी।

वह उससे कुछ पूछता तभी वह उसके पास आ गयी और रोते हुए बोली।

दुल्हन – भाई साहब देखिये ना मै रास्ता भूल गयी हूँ, मुझे शहर जाना है क्या आप मुझे शहर छोड़ देंगे।

प्रभाकर – लेकिन तुम यहाँ कैसे आयी, लोग कहते है की ये रास्ता भूतिया है। तुम दुल्हन के कपड़ो में हो और लोग कहा है।

दुल्हन – क्या बोलू भाई साहब.. मै अपने पति के साथ कार से इस रास्ते से गुजर रही थी अचानक एक काली बिल्ली ने हमारा रास्ता काट दिया और हम लोग रुक गए। मेरे पति ने कार रोकी तभी उन्हें झाड़ियों के पीछे से किसी औरत के रोने की आवाज आयी वह वहा गए तभी उनकी चीखने की आवाज आयी मै दौड़ कर वहा गयी तो देखा वो वहा मरे पड़े है।

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फिर प्रभाकर एक पत्थर उठाकर उसे मरता है बिल्ली जोर से गुर्राते हुए सामने के पेड़ पर चढ़ जाती है और अचानक वहा से गायब हो जाती है। उसे अचानक गायब होते देख दोनों डर जाते है।

प्रभाकर – ये बिल्ली कहा गायब हो गयी।

सुगंधा – गांव वाले सही कहते है ये रास्ता सच में भूतिया है वो बिल्ली जरूर कोई भूत थी।

प्रभाकर – तुम भी ना, जंगल का रास्ता है यहाँ जंगली बिल्लिया और जानवर तो होते ही है।

सुगंधा – होते होंगे, लेकिन वो किसी पर इस तरह हमला नहीं करते होंगे। चलो-चलो अब जल्दी निकलो यहाँ से कही फिर से कोई जानवर ना आ जाये।

प्रभाकर ने बाइक स्टार्ट किया लेकिन जैसे ही बाइक की हेडलाइट जली उसे सड़क पर कई सारे गहने गिरे हुए दिखाई दिए और उसमे सोने के सिक्के भी थे वह कुछ सोच पाता तभी उसे किसी औरत के रोने की आवाज आने लगी।

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– यह कहानी है सुजानपुर की पहाड़ो के बिच बसा एक खूबसूरत गांव, लेकिन कहते है इस गांव तक आने वाला जंगल का रास्ता भूतिया है।

प्रभाकर कुछ दिन पहले ही इस गांव में रहने आया था वह भी गांव वालो से इस रास्ते के बारे में सुन रखा था। लेकिन प्रभाकर चुड़ैल भूत पर विस्वाश नहीं करता था।

एक दिन वह रात को उसी रास्ते से अपने बाइक से शहर से लौट रहा था और उसकी बीबी “सुगंधा” भी उसके साथ थी। अचानक से एक काली बिल्ली उसका रास्ता काट देती है। प्रभाकर जोर से ब्रेक लगाता है तभी वह काली बिल्ली उसके बाइक के पास आकर गुर्राने लगी।

दोनों बिल्ली को भगाने का प्रयास करते है लेकिन उस बिल्ली का गुर्राना बंद नहीं होता है। गुर्राते-गुर्राते वह सुगंधा के ऊपर चढ़ जाती है वह उसे हटाने का प्रयास करती है लेकिन बिल्ली उसे जोर से दबोचा हुआ होता है तब प्रभाकर बिल्ली को पीछे से पकड़ता है और सुगंधा को उसकी पकड़ से छुड़ाता है।

©PRADUMN SHARMA #grey Horror story

#grey Horror story #films

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"अगर ख्वाईश कुछ अलग करने की है 
तो दिल और दिमाग के बीच बगावत लाजमी है I"

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जब रास्तों पर चलते चलते मंजिल का ख्याल ना आये 
तो आप सही रास्ते पर है I"

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कोशिश भी कर उम्मीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के बाद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर

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