Nojoto: Largest Storytelling Platform
vinusharma4667
  • 274Stories
  • 451Followers
  • 2.3KLove
    2.6KViews

विपिन सेवक "

लेखक राज्य राजस्थान डूंगरपुर

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

White ख़ुद को यूँ बै तहाशा सज़ाओं ना..
ये बालों मैं लगाया काला चस्मा ..
आँखो मैं अपनी लगाओ ना...!!
जों देख ले तुम्हें एक. नज़र ' ख़ुद को यूँ बनाओ ना..
Jins Top मैं तों तुम दिखती हों सुन्दर..
मेरे लिए एक बार साड़ी मैं सवर जाओं ना..
रोज़ देखता हूँ Instragarm की तस्वीरें तुम्हारी ..
एक बार वों बिंदी वाली Reel बनाओ ना...!!

❤️😊🤗

©विपिन सेवक " #love_shayari 

#nojato #write #Like #Comment #shere #shyari #poem #poytri #
03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

ज़िन्दगी में मैंने उतार चढाव कही देखें, 
रात की बात नहीं दिन में भी ख़्वाब "मैंने कही देखें 
यूँ रोज़ दिल में किसे के लिए प्रेम की अपेक्षा लिए बैठा हूँ में 
पर पक्के प्रेम में भी  टूटे हुए दिल मैंने कही देखें..!!

©विपिन सेवक " 💔

16 Love

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

तुम्हे अपने ख्यालों मे सोचना "  जैसे स्वप्नो का मुक़्क़मल होना...!!
तुम्हारें एक दीदार को तरसना " जैसे तुमको अपना बनाना...!!

©विपिन सेवक " #love❤ #poatry #poeam #
03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

ज़ख्म खाये हैं ज़िन्दगी मे,  ज़िन्दगी मे वीरानियाँ तो नहीं हैं..
यहाँ हर शब्द हकीकत हैं कोई लिखी कहानियां तो नहीं हैं..
किसी दिन किसी मोड़ पर बदलेंगी ज़िन्दगी मेरी 
पल भर की हैं ख़ुशी  यहाँ हर वक़्त परेशानियां तो नहीं हैं..
अपनी  मुसीबतों को यहाँ किस किसको बताऊ..
हर सवाल का यहाँ हल निकाल दें कोई..
किसी मे इतनी समझदारीयाँ तों नहीं हैं..
भीगे आँखो मे होठों पर हसीं लिए फिरता हूँ  में यहाँ..
एक दिन उगेगा सूरज मेरी किस्मत का..
जों हूँ ख़ुद से हूँ यहाँ किसी की मेहरबानीयाँ तों नहीं है.।।


विपिन - ✍🏻

©विपिन सेवक " 5--1-24

5--1-24 #Shayari

12 Love

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

नारी एक,रूप अनेक

नारी ने हर किरदार क़ो समस्थ रूप से हमारे जीवन
में अभिनय किया हैं हर बुरे वक़्त में हर दुःख सुःख में उन्होंने हमारा साथ दिया 
चाहे वो माँ हों, बहन हों, याँ बीवी हों,
ये मनुष्य आपके हर एक अहसान का सदैव ऋणी रहेंगा

आप सबकी मनोकामनायें पूरी हो



समस्थ नारी क़ो करवाचौथ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें

©विपिन सेवक "
  समस्थ नारी क़ो करवाचौथ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें 🙏🏻




#Karwachauth

समस्थ नारी क़ो करवाचौथ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें 🙏🏻 #Karwachauth

90 Views

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

हम हर वर्ष रावण के पुतले को जलाते है परन्तु.

कलयुग में यहाँ कही रावण है उनका अंत कौन करेगा ?
सीता माता को तो स्वम प्रभु श्री राम गए थे लंका में लेने 
इस देश में चल रहा नारी पर अपमान कौन रोकेगा ?
आज भी कही शिकायतों की रद्दी पड़ी है थानो में 
उन माता पिता की एक उम्मीद का इंसाफ कौन करेगा ?
श्री राम तो एक आज्ञा पर वनवास के लिए चल दिये थे 
कलयुग में बेटे द्वारा माँ बाप पर किया गया 
अत्याचार कौन रोकेगा ?
प्रभु श्री राम चोदह वर्ष वनवास में काट दिए 
कलयुग में माँ बाप को वृंदाआश्रम जाने से कौन रोकेगा ..?

एक रावण इस कलयुग में भी है.....🙏🏻
जय श्री राम 🚩

©विपिन सेवक "
  #happydussehra
एक रावण इस कलयुग में भी हैं... 👹

#happydussehra एक रावण इस कलयुग में भी हैं... 👹 #Motivational

27 Views

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

जब भी में तुम्हें देखता हूँ कुछ लिखने का दिल करता हैं
तुम्हारी वों मुस्कुराहट, तुम्हारी वों आहट 
तुम्हारी वों आदत, तुम्हारी वों चाहत 
तुम्हारी वों कत्थई आँखे, तुम्हारी वों मीठी बाते 
तुम्हारा वों शर्माना, तुम्हारा वों समझाना

🫶🏻❤️

©विपिन सेवक " जब भी में तुम्हें देखता हूँ कुछ लिखने का दिल करता हैं
तुम्हारी वों मुस्कुराहट, तुम्हारी वों आहट 
तुम्हारी वों आदत, तुम्हारी वों चाहत 
तुम्हारी वों कत्थई आँखे, तुम्हारी वों मीठी बाते 
तुम्हारा वों शर्माना, तुम्हारा वों समझाना

जब भी में तुम्हें देखता हूँ कुछ लिखने का दिल करता हैं तुम्हारी वों मुस्कुराहट, तुम्हारी वों आहट तुम्हारी वों आदत, तुम्हारी वों चाहत तुम्हारी वों कत्थई आँखे, तुम्हारी वों मीठी बाते तुम्हारा वों शर्माना, तुम्हारा वों समझाना #Shayari

15 Love

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

🫶🏻 एक नई दोस्ती 🫂

मे तुम्हें हँसाऊ तुम हसोगी क्या 
मेरी बाते बहुत करता हूँ 
तुम वों सुनोगी क्या 
वैसे तो नहीं जानते एक दूसरे इतना 
पर अगर में कहुँ मेरी दोस्त बन सकती हों 
बोलो तो तुम बनोगी क्या

©विपिन सेवक " #Friend 🫂

#Friend 🫂

14 Love

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

तुम सुन्दर हों 
आँखो में. तुम्हारी यें काजल सुनहरे घने "यें बाल
पलकों की वो छाव चेहरे का यें कमाल
कान में तुम्हारें यें झुमके शर्मीली वो नज़रे
माधे पर यें लाल बिंदी " खंनखन खनकती यें चूड़ी
और" यें सुन्दर सुशील सादगी
तुम सुन्दर हों.

©विपिन सेवक "
  #poatry #poem #shyari #L♥️ve #Romantic #Care

27 Views

03e1bf0c63af4102c5d5026c4b296009

विपिन सेवक "

अरे अब ज़माना बदल चूका हैं " साहब 
पेहले संस्कारों की मर्यादा में रहकर घुंघट ओढ़ते थे 
अब कुछ follower बढ़ाने के लिए
पूरा बदन दिखाते हैं

©विपिन सेवक "
  #writing #poatry #poem #shyari
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile