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nainagoswami4221
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Naina Goswami

I write with my wits.... what my brain couldn't understand... my heart writes that all

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Naina Goswami

शरीर की मोब्बत को जिनकी... 
जला देते हैं लोग....

रूहें उनकी उन्ही लपटों के फेरे लिया करती हैं...

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Naina Goswami

तुम दूर बेशक हो हक़ीक़त से मेरी....
मगर हर ख़्वाब में तुम्हारा एहसास अभी बाकी है...

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Naina Goswami

मेरे जज़्बातों की ख़याली को समझो कभी....
शायद तुम्हें समझ आजाये कि कितनी शिद्दत से टूट कर चाहा है तुम्हें...

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Naina Goswami

जो सर झूकाउ तेरी इबादत में ए ख़ुदा....
मेरी दुआ क़ुबूल कर लेना...
तुझसे इश्क़ करने की खातिर मैंने हर मज़हब को छोड़ा है...

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Naina Goswami

सोचा था मिलके बैठेंगे जिस रोज़ साथ में हम तेरे.... 
तेरी बेरूखियों का जवाब तुझसे मांगेंगे... 
सामने जो तू आया मेरे... 
खामोश होंठों में सिमटी तेरी उस तिरछी मुस्कान ने... 
मेरी बोलती आँखो के सारे सवाल भुला दिए....

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Naina Goswami

इबादत उस रब से बस इतनी है....
की सालमत रहे एक तू... और एक तेरी मुस्कान...

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Naina Goswami

मैं शांत समंदर सी अपने अंदर जज़्बातों का ठहराव लिए बैठी थी....
वो एक तूफ़ान सा आया था...
मेरे जज़्बात तबाह करने....

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Naina Goswami

Dil bhara hua h....
Par fir bhi kuch khaali sa h...
Jawab samne h sare mere...
Par fir bhi kuch sawali sa h..
Sab kuch tha zindagi m meri....
Ek teri kami fir bhi baaki si h...
Tu na hua mera toh na sahi...
Teri har yaad teri har baat
Kuch bhooli nahi m..
Ab bhi Sab tazi si hain... Dil khali

Dil khali

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Naina Goswami

नम आँखें दबी मुस्कुराहट लिये सोच रही हूँ की....
कहाँ गया वो मेरे दर्द संभालने वाला...?

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Naina Goswami

हम मिले फिर उसी जगह...
उसी समय उसी  तरह...
नज़रें मिलीं.. मगर दिल खामोश था...
आँखें खुली थीं मगर किसे होश था...?
तुम सामने तो थे मेरे...
पर शायद मेरे नहीं थे...
तुम्हें देख के लगा ऐसे की...
अंधेरी रातें तो थीं मेरी...
पर शायद मेरे वो सवेरे नहीं थे...
वो झील सी गेहरी आँखें तुम्हारी...
वही दबी तिरछी मुस्कान...
वही पलकें झुकाना मेरा... 
वही तुम्हारा नज़रें उठाना... 
वही समा... वही आसमां... 
तुम वही मैं वही... 
बस वही हम नहीं.. 
बस वही हम नहीं.. bas hum nahin

bas hum nahin

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