जो मैंने ख्वाब में देखा वही किस्सा सुनाता हूँ मेरा बस इक है कान्हा उसी से सब ही कहता हूँ नहीँ यह जानना कि जग में यारा कौन- कैसा है मिले मुझसे कहीं कोई तो फिर व्यवहार कैसा है मैंने- सब उन पे है छोड़ा वही इक लाज रखता है बिना ही बात जो उलझे उसे ही परिणाम देता है नहीँ करता कभी मायूस वो नित -साथ चलता है मेरा कान्हा है कुछ ऐसा जो मुझसे बात करता है कभी जो यार हूँ आहत तो मेरी फिक्र करता है मेरा कान्हा है कुछ ऐसा जी मुझसे बात करता है 🙂🙂🙂श्री राधे 🙂🙂🙂🙂
ANOOP PANDEY
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