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kalprajsingh4065
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kalpraj singh

Engineer by profession writer by passion insta ID : kalpraj93

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kalpraj singh

जज़्बात लिख रहा हूँ!
अल्फ़ाज़ लिख रहा हूँ!
बिन कहे दिलकी हर बात लिख रहा हूँ!
चाहत की तस्वीरों में लिपटी
हर वो रात लिख रहा हूँ!
कहानी तेरी और मेरी एक साथ लिख रहा हूँ!
तुझबिन जो मुझपर बीते
वो ख़यालात लिख रहा हूँ!
आँसू जो तेरी पलकों से भी छलके
उन आसुओं से निकलते
हालात लिख रहा हूँ!
शायद तुझे याद हो न हो पर
तेरी और मेरी वो पहली 
मुलाक़ात लिख रहा हूँ!
तेरे मेरे मिलन में भीगती
वो बरसात लिख रहा हूँ!
माना कुछ पल की है ज़िंदगी
उन पलों में ठहरी 
पूरी कायनात लिख रहा हूँ!
जज़्बात लिख रहा हूँ!
अल्फ़ाज़ लिख रहा हूँ!
हाँ बिन कहे दिलकी हर बात लिख रहा हूँ!

©kalpraj singh
  #yaadein #pyaar #pehlapyaar #Pehli_Mulakkat #baarish #mausam
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kalpraj singh

छूता मैं कैसे तुम्हीं कहो मैं आसमान को,
तुमने अगर काँधे पे उठाया नहीं होता!

कैसे होता रौशन ये दरीचा हमारे घर का,
तुमने जो ज़िंदगी को जलाया नहीं होता!

मैं कैसे निभाता दुनिया के इन रिश्तों को,
तुमने अगर रिश्तों का मतलब समझाया नहीं होता!

कैसे संजोता वो बचपन की यादों को,
वो मेरा हर जन्मदिन उत्सव की तरह मनाया नहीं होता!

अनजान रहता आज भी मैं अपने शहर की गलियों से,
तुमने अगर मुझे हर रास्ता बताया नहीं होता!

मोटरसाइकिल की सैर में शायद आज सुकून मिलता,
बचपन में अगर साइकिल के पीछे बैठा कर स्कूल 
तक का सफ़र कराया नहीं होता!

कैसे मैं लिखता इन जज़्बातों को काग़ज़ पर,
पापा तुमने अगर मुझे पढ़ाया नहीं होता!

©kalpraj singh
  #Papa #Dreams #FathersDay #fatherson
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kalpraj singh

वक़्त बीत ता गया रातें कटती गई।
लमहों के सफ़र में शामें ढलती रहीं।
मौसम बदलते गए धूप खिलती रही।
बारिश भी आइ कुछ पल रुलाती भी गई।
आंधी आइ धूल आखों में मिलती रही।
कुछ पल उनकी याद आइ कुछ भूलती भी गई।
कुछ अधूरे ख़्वाब बिछड़ते गये उम्र यूँही बढ़ती रही।
ज़िंदगी जनाब यूँही चलती रही।।

©kalpraj singh
  #yaadein #Zindagi
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kalpraj singh

मैं क़िस्सा तेरी कहानी का जो तूने सरेआम लिखा,
मैं ख़याल एक ख़्वाब सा जो तुझे सुबह शाम दिखा!
तेरी मेरी ख़्वाहिशों की बंदिशें अब आज़ाद हैं,
कुछ मसले अब भी उलझे हैं बाक़ी सब ख़्वाब हैं!

©kalpraj singh
  #poetry🖤 #kuch_baatein #kahani

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