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purushottamgour4933
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साहित्य संजीवनी

साहित्य संजीवनी का यह पेज पूरी तरह से कविता,शायरी को समर्पित है।यदि आप हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

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साहित्य संजीवनी

White बेहद दुःखी हूँ यह देखकर कि कई कवि गुंडों की भाषा बोल लिख रहे हैं।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी #Sad_Status
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साहित्य संजीवनी

White अच्छे कवियों के पास कहने को बहुत कम होता है और बुरे कवियों के पास बहुत ज़्यादा।

-चार्ल्स बुकोवस्की

©साहित्य संजीवनी #Sad_Status
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साहित्य संजीवनी

White स्त्रियां अब धन कमाने में इतनी सक्षम हो चुकी हैं कि वो अब पुरुषों से धन नहीं बल्कि सम्मान चाहती हैं।

©साहित्य संजीवनी #love_shayari
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साहित्य संजीवनी

White किसी भी राष्ट्र की शान्ति मजहबों की एकता पर नही वरन मजहबों की चिता पर ही फलित हो सकती है ।

-राहुल संस्कृत्यानन

©साहित्य संजीवनी #GoodMorning
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साहित्य संजीवनी

White शायद नया खून जागेगा इसीलिए मैं खौल रहा हूँ,
मैं भारत का संविधान हूँ लाल किले से बोल रहा हूँ।

●हरिओम पवार

©साहित्य संजीवनी #GoodMorning
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साहित्य संजीवनी

White यदि राजनेताओं में कविता की समझ हो और कवियों में राजनीति की, तो तय है कि दुनिया एक बेहतर जगह होगी !

-जॉन एफ़ केनेडी (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति)

©साहित्य संजीवनी #sad_quotes
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साहित्य संजीवनी

White क्या जो समाज लेखक से 'महान साहित्य' की माँग करता है, उससे लेखक भी पलट कर यह नहीं पूछ सकता कि 'क्या तुम महान समाज हो?'

-अज्ञेय

©साहित्य संजीवनी #sad_quotes
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साहित्य संजीवनी

White "भाषाएँ और माताएँ शामियानों से नहीं, बेटे-बेटियों से बड़ी होती हैं'"... आइए, हम-आप माँ का गर्व बनें।


-कुमार विश्वास

©साहित्य संजीवनी #GoodNight
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साहित्य संजीवनी

White 'चूड़ियाँ पहन लो चूड़ियाँ', यह वाक्य पुरुषों को कमजोर नहीं बल्कि, स्त्रियों को सामर्थ्यहीन बताता है।

-नीतीश निराला

©साहित्य संजीवनी #GoodNight
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साहित्य संजीवनी

White महामूर्ख है वो लोग जो अपने दुश्मनों के मुंह से अपने राष्ट्र, धर्म और खुद की भलाई को सुनने और करने की उम्मीद करते हैं।

-विशाल चौधरी

©साहित्य संजीवनी #sad_qoute
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