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drrahulkarmakar4936
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Dr. Rahul Karmakar

लफ़्ज़ों का ज़ादू !

www.instagram.com/dr_rahull

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Dr. Rahul Karmakar

उमीदें उनसे करो, 
जो आपके उमीदों की कदर करता हो
वेबजह के लोगों से उमीदें करोगे तो
दर्द ही मिलेगा। 

#कभी कभी इस से दूसरों के life में आपका value भी पता चला जाता है।

                          ©author_eye #message उमीदें उनसे करो, 
जो आपके उमीदों की कदर करता हो
वेबजह के लोगों से उमीदें करोगे तो
दर्द ही मिलेगा। 

कभी कभी इस से दूसरों के life में आपका value भी पता चला जाता है। 😉

                          ©author_eye

#message उमीदें उनसे करो, जो आपके उमीदों की कदर करता हो वेबजह के लोगों से उमीदें करोगे तो दर्द ही मिलेगा। कभी कभी इस से दूसरों के life में आपका value भी पता चला जाता है। 😉 ©author_eye #अनुभव

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Dr. Rahul Karmakar

तेरा होना ही काफ़ी होता अगर 
        तो हम यूँ तन्हा ना होते।
भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर
        तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।।

एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा 
                   पतझड़ का मौसम था।
गलती से किसी पर गिर जाए अगर
                   तो कोई रुस्वाई ना करे।।

कि मैं तन्हा हूँ कह दूं अगर
                    तो भी डरता हूँ।
कहीँ ये सच सुनकर मेरी
                    वो बेवफ़ाई ना करे।।

                                           ©author_eye तेरा होना ही काफ़ी होता अगर 
        तो हम यूँ तन्हा ना होते।
भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर
        तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।।

एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा 
                   पतझड़ का मौसम था।
गलती से किसी पर गिर जाए अगर

तेरा होना ही काफ़ी होता अगर तो हम यूँ तन्हा ना होते। भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।। एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा पतझड़ का मौसम था। गलती से किसी पर गिर जाए अगर #कविता

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Dr. Rahul Karmakar

तेरा होना ही काफ़ी होता अगर 
        तो हम यूँ तन्हा ना होते।
भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर
        तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।।

एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा 
                   पतझड़ का मौसम था।
गलती से किसी पर गिर जाए अगर
                   तो कोई रुस्वाई ना करे।।

कि मैं तन्हा हूँ कह दूं अगर
                    तो भी डरता हूँ।
कहीँ ये सच सुनकर मेरी
                    वो बेवफ़ाई ना करे।।

                                           ©author_eye तेरा होना ही काफ़ी होता अगर 
        तो हम यूँ तन्हा ना होते।
भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर
        तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।।

एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा 
                   पतझड़ का मौसम था।
गलती से किसी पर गिर जाए अगर

तेरा होना ही काफ़ी होता अगर तो हम यूँ तन्हा ना होते। भीड़ में बैठना ही काफी होता अगर तो यूँ महफ़िल में अकेले ना होते।। एक टहनी पर कहीं दिल टिका था मेरा पतझड़ का मौसम था। गलती से किसी पर गिर जाए अगर #अनुभव

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Dr. Rahul Karmakar

দ্বারে চোখ পেতে আর কি হবে
সে যে বিজুরী হয়ে পড়েছে
ভেঙেছে আমার খেলাঘর
হৃদয়ের স্বপ্নে উঠেছে ঝড়
আশা রেখে আর কি হবে
প্রেম পুষ্পে ছুঁতে চেয়েছিলাম যারে
সে যে মরীচিকা সম

                         ©author_,eye দ্বারে চোখ পেতে আর কি হবে
সে যে বিজুরী হয়ে পড়েছে
ভেঙেছে আমার খেলাঘর
হৃদয়ের স্বপ্নে উঠেছে ঝড়
আশা রেখে আর কি হবে
প্রেম পুষ্পে ছুঁতে চেয়েছিলাম যারে
সে যে মরীচিকা সম

দ্বারে চোখ পেতে আর কি হবে সে যে বিজুরী হয়ে পড়েছে ভেঙেছে আমার খেলাঘর হৃদয়ের স্বপ্নে উঠেছে ঝড় আশা রেখে আর কি হবে প্রেম পুষ্পে ছুঁতে চেয়েছিলাম যারে সে যে মরীচিকা সম #Life_experience

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Dr. Rahul Karmakar

নাচিছ আনন্দে আমার স্বপ্নভঙ্গ করে।
কে তুমি! নাচিছ আনন্দে?
আমি বেদনার বেণু উদাসী মনে
বাজিয়েছি বনে, ভেসেছি নয়ন জলে
আমারে একলা করে,
কে তুমি! নাচিছ আনন্দে?

                  ©author_eye নাচিছ আনন্দে আমার স্বপ্নভঙ্গ করে।
কে তুমি! নাচিছ আনন্দে?
আমি বেদনার বেণু উদাসী মনে
বাজিয়েছি বনে, ভেসেছি নয়ন জলে
আমারে একলা করে,
কে তুমি! নাচিছ আনন্দে?

                  ©author_eye

নাচিছ আনন্দে আমার স্বপ্নভঙ্গ করে। কে তুমি! নাচিছ আনন্দে? আমি বেদনার বেণু উদাসী মনে বাজিয়েছি বনে, ভেসেছি নয়ন জলে আমারে একলা করে, কে তুমি! নাচিছ আনন্দে? ©author_eye #Life_experience

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Dr. Rahul Karmakar

भले मुस्कुराती चांदनी रात है
खुशियों से टिमटिमाती तारों की बरात है,
फिर भी तेरे बिना जीना क्या जीना
जैसे ज़िंदगी बर्बाद है।

author_eye भले मुस्कुराती चांदनी रात है
खुशियों से टिमटिमाती तारों की बरात है,
फिर भी तेरे बिना जीना क्या जीना
जैसे ज़िंदगी बर्बाद है।

author_eye

भले मुस्कुराती चांदनी रात है खुशियों से टिमटिमाती तारों की बरात है, फिर भी तेरे बिना जीना क्या जीना जैसे ज़िंदगी बर्बाद है। author_eye #अनुभव

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Dr. Rahul Karmakar

দেব-দত্য সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো জলধীর।
বিনা দোষে রোষ দিয়েছে দুঃখে করেছে অধীর।
দশদিক সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো সকল বীর।
প্রাণ পিয়ারে ত‍্যজিব এবার মনে করেছি স্থির।।

                                               ©author_eye দেব-দত্য সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো জলধীর।
বিনা দোষে রোষ দিয়েছে দুঃখে করেছে অধীর।
দশদিক সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো সকল বীর।
প্রাণ পিয়ারে ত‍্যজিব এবার মনে করেছি স্থির।।

                                               ©author_eye

দেব-দত্য সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো জলধীর। বিনা দোষে রোষ দিয়েছে দুঃখে করেছে অধীর। দশদিক সাক্ষী থাকো সাক্ষী থাকো সকল বীর। প্রাণ পিয়ারে ত‍্যজিব এবার মনে করেছি স্থির।। ©author_eye #Life_experience

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Dr. Rahul Karmakar

आंखों के रास्ते तुम दिल में उतर गई
जब दिल टूटा तुम आंखों से बह गई

author_eye आंखों के रास्ते तुम दिल में उतर गई
जब दिल टूटा तुम आंखों से बह गई

आंखों के रास्ते तुम दिल में उतर गई जब दिल टूटा तुम आंखों से बह गई #अनुभव

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Dr. Rahul Karmakar

कोई अगर बारम्बार ये बोल रहा हो कि, 
आप उसके जीबन के दुःख के कारण है, 
तो निःसंदेह ही वो ही सही है।
और उचित यही है कि आप उसके लिए दुःख का कारण ना बने। कोई अगर बारम्बार ये बोल रहा हो कि, 
आप उसके जीबन के दुःख के कारण है, 
तो निःसंदेह ही वो ही सही है।
और उचित यही है कि आप उसके लिए दुःख का कारण ना बने।

कोई अगर बारम्बार ये बोल रहा हो कि, आप उसके जीबन के दुःख के कारण है, तो निःसंदेह ही वो ही सही है। और उचित यही है कि आप उसके लिए दुःख का कारण ना बने।

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Dr. Rahul Karmakar

चल आज एक खेल खेलते हैं।
खुद के हाथों खुद को तबाह करते हैं।।

                           ©author_eye चल आज एक खेल खेलते हैं।
खुद के हाथों खुद को तबाह करते हैं।।

                           ©author_eye

चल आज एक खेल खेलते हैं। खुद के हाथों खुद को तबाह करते हैं।। ©author_eye #Shayari

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