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yashraj5635
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Yashraj

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Yashraj

White jo kehne ka man tha mera 
aaj keh maine usee woh daala h
na jaane dil ko kaisa mila 
yaadon ka sahaara h

woh chahti nahi h mujhko
yeh jaana maine pehle din se h
woh chaahne lagi h kisi aur ko 
maana yeh maine uske kehne se h

woh saath na hokar bhi mere saath h 
haa woh mere zindagi ki har ek saans h
woh paas toh nahi par mere 
zindagi ka ek pyaara sa khwaab h

meri zindgi gi mein dhadkan
ka jaisa saath h
woh door ho kar bhi
aaj mere paas h

©Yashraj
  #love_shayari # chahat ka intezaar

#love_shayari # chahat ka intezaar #Love

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Yashraj

White aree tumko toh koi aur pasand h
mere dil pe dhaaye tumne sitam h
pyaar kiya h maine tumse
par toh woh bewafa hi pasand h

aankhe jo mila lo tum 
toh khush m ho jata hu
jo paas mere aa jao tum 
toh saanse m paa jata hu

meri khwahishen ho tum
 aur mere armaan bhi
meri naav ki maanjhi ho tum
 aur ho uski patwaar bhi

meri neendon mein tum ho
mere khwabon mein bhi
meri jaan bhi h tum se
par tumhaari jaan toh h koi aur hi

jo paana chaha tumko maine 
naseeb ne door kar diya tha
tum  bin jo maine marna chaha
toh haath ki lakeeron ne saath bhi n diya tha

©Yashraj
  #milan_night # meri jaan

#milan_night # meri jaan #Love

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Yashraj

White आज जहन में मेरे एक बात आई थी, 
की जब मेरी जान इस जहान को छोड़ जायेगी। 
तो जिन जगहो पर मैने अपने शाम गुजरी , 
उसे वो कभी या आयेगी।। 

क्या उसे उसकी याग सताएगी, 
या एक कहानी के तरह भूल जायेगी। 
ये यादें उस तड़पाएंगी, 
या हवा में काग़ज़ के प्लेन की तरह उड़ जायेगी।। 

किया उस मेरे साथियों की या आयेगी, 
या यूँ ही भूल जाएगी। 
अगर उसे ये बात या आयेगी, 
 तो किया वो अगले जानम के लिए तैयार हो पाएगी।।

©Yashraj #SAD यादें

#SAD यादें #Poetry

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Yashraj

yeh zamaana badnaam hai
 mai is zamane ka hissa hoon
woh jee kar ke bhi rotti hai
mai mar ke bhi hasta hoon


woh zinda uthne ki bheekh maangti hai
mai murda so ke bhi apni izzat bachaata hoon
woh zillat seh kar bhi jeeti hai
mai mar ke bhi apni izzat apne karmo mein chhupatata hoon

©Yashraj #addiction
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Yashraj

दिन दिहाड़े एक काम किया था , 
बिन बताया एक जाम पिया था । 
मज्ज़ा बहुत आया था पर , 
बाद में गड़बड़ एक हिस्साब हुआ था ।। 

पी है हमने गना ये गाया , 
हज़्ज़ारों को बार-बार था । 
बद दिमाग इतने हो गए थे हम , 
की अंदाज न सही न गलत का रहा था ।। 

जब पकडाए तब हुए परेसान , 
बिन बात की बिगड़ गई इतनी थी बात। 
जितना न सोच था हमने , 
उससे कई अधिक बुरे हो गए थे हालात ।।

जैसे समुंदर की लहर से , 
डूबने वाला हो आकाश-पाताल ।
अब न करेंगे ऐसे काम , 
जिएंगे हम हज़ारों साल ।।

©Yashraj #sunrisesunset # जाम # nojoto

sunrisesunset # जाम # nojoto

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Yashraj

वो दिल मेरा नादान था, 
वो रात बड़ी चालक थी। 
खड़े होकर उस मंज़र पर , 
मैंने देखी अपनी तबाही थी। 

रोकना चाहता था मै उसको, 
पर संभल पाई न वो बात थी। 
गलती न मेरी थी जनाब पर, 
देखनी पड़ी मुझे मेरी तबाही थी।

©Yashraj
  #MoonShayari #tabahi #nojota
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Yashraj

कितनी यादों को समेटकर, 
वो आत्मा तुम्हे छोड़कर, 
दूसरी दुनिया में आई होगी। 
जो नाना, नानी, दादा, दादी के स्वरूप में, 
तुम से मिलने बेताब हो कर चली आई होगी। 
किया तुम सोच सकते हो उस दशा को , 
जब वो अपनी और तुम्हारी यादो को समेटकर, 
दूसरी दुनिया में आई होगी। 
आख़िर कैसे अपनी इस दशा को देख , 
वो अपने दूसरे जीवन का शुभ आरंभ कर पर होगी।

©Yashraj
  #lonely #नई जन्दगी का सच# nojoto

#lonely #नई जन्दगी का सच# nojoto

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Yashraj

जान मेरी बेचैन हुई थी,
जब रात मेरी वो गैर हुई थी।
बेगैरत ज़माना खड़ा रह गया ,
जब रुसवाई मेरी सरे आम हुई थी।।

गलती न मेरी थी जनाब ,
पर बदनामी मेरी बेहिसाब हुई थी।
बदनाम हो गया था मै लेकिन,
 वाह–वाही उनकी हजार हुई थी।।

वो रात काली बंजर थी,
जो मेरी जिंदगी में लाई एक नया मंजर थी।
घड़ी में बजे सवा नौ थे ,
जिसने बर्बाद की मेरी जन्नत थी।।

मैं रोता रेह गया ,
पर सुनी मेरी किसी एक ने न थी।
हालत न मेरे जाने किसी ने,
न पूछी मेरी तबियत थी।।

©Yashraj #boat # bechaini# nojoto

#boat # bechaini# nojoto #Poetry

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Yashraj

जाने कैसे मैं उस जान जगह को,
कैसे उस अनजान जगह पे ,
चांद तलक जाने ना जाने ,
बिना उसको अपना माने,
छोड़ उसे आया हूं यहां पे ।
जाने किया सोच था उसने 
बिना मेरे हालत को जाने ।
जान भी मेरी तड़पी थी ,
जब रात मेरी वो गुजारी थी।
जाने क्यों डाला था मुझको 
इस काले जन जाल में ।
तेरे मुट्ठी के तीनों काल में
तेरे स्वरूप विकराल में।

©Yashraj
  #GoldenHour #जिंदगी

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