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rahulkumarkashya5595
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Rahul Kumar Kashyap

खुद से खुदा क्या बनना रचना तो उसी की है।।।

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Rahul Kumar Kashyap

है जो लायक उसे हम मान देते है,
हैसियत से अपनी हम दान देते है,
सभी की थालियों में है जो रोटियां
धूप ,सर्दी ,सह हमे किसान देते है।।

✍️राहुल कुमार कश्यप

©Rahul Kumar Kashyap #Sunrise
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Rahul Kumar Kashyap

मजदूर दिवस

उम्मीदों का सूरज  हर रोज उगाता है,
खून पसीने की कमाई मेहनत से कमाता है,
जमीर जिन्दा उसका हर पल रहता है,
धूप, बारिश , सर्दी सब हंस कर सहता है

मत कहो मजदूर उसे सर्जन कर्ता है वो,
मिले काम हर रोज मन में धीरज धर्ता है वो,
महलों की दीवारों से गरीबी को मत आंको जी,
जूतों की नोकों से घावों को मत टाको जी,


सीमा पर शहीद नेता का कोई लाल नही,
बेटे की शहादत पर मजदूर को मलाल नही,

राहुल कुमार कश्यप

©Rahul Kumar Kashyap #MothersDay2021
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Rahul Kumar Kashyap

हाँ मैं शून्य  हूँ

और हाँ हूँ अनन्त इतनी की कम है सागर की गहराई,
कम है आसमान की भी ऊँचाई,
श्रष्टि का प्रारम्भ और अंत ,
हाँ मैं हूं अनन्त।।

©Rahul Kumar Kashyap #anant
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Rahul Kumar Kashyap

#Kahaniyaan
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Rahul Kumar Kashyap

गजल

कागजी फूलों में खुशबू ढूंढते है,
दूसरे के दामन में खुशी ढूंढते है,

नही फिक्र माँ -बाप की दवा की,
मंदिरों में मूर्तियों की दुआ ढूंढते है

है फुटपाथों में यहाँ आबाद शहर,
अपने लिए नेता हवेली ढूंढते है,

नही करते इज्जत लोग पत्नियों की
बाजारों में बिस्तरों की खुशी ढूंढते है,

नही सुनता कोई किसानों की चीखों को,
दलाल तो बोरियों के निशान ढूंढते है।।

राहुल कुमार कश्यप

©Rahul Kumar Kashyap #youandme
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Rahul Kumar Kashyap

होली की शुभकामनायें   राधा संग होली खेले कृष्ण कन्हाई है,
प्रेम भरी रस की गुझियां खिलाई है,
दूध के संग बनी ठंड-ठंड ठण्डाई है, 
फाल्गुन में देखो रंग बसन्त होली आयी है।

©Rahul Kumar Kashyap
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Rahul Kumar Kashyap

आजाद हुई घाटी दुल्हन सी दिखती है,
वादी का हर कोना मेहंदी  रचाये  दिखती है,
बहुत सह लिया अंगारो को अब न सहना आता है,
अब तो सब आजाद हमे यही सूरत दिखती है।।

कवि राहुल कुमार कश्यप

©Rahul Kumar Kashyap #KashmiriFiles
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Rahul Kumar Kashyap

भूल गए दुनियां सारी,
भूल गए सबकी यारी,
याद बसी दिल मे तेरी,
पीछे छूटी दुनियां दारी।।

©Rahul Kumar Kashyap #Dillagi
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Rahul Kumar Kashyap

लत लगी तेरे नाम की मैं खाश हो गया,
भूल गया तन बदहवाश हो गया,
बैठा हूँ अभी मयखाने में तेरी याद भुलाने को,
खुद से यूँ बिछड़ा खुद की तलाश हो गया।।

©Rahul Kumar Kashyap #talab
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Rahul Kumar Kashyap

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