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sureshkumarchatu1993
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Suresh Kumar Chaturvedi

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Suresh Kumar Chaturvedi

उलझा हुआ है जीवन
मकड़ी के जाले की तरह
खुश हैं अपने हाल पर
क्यों परेशान हैं आप वेवजह

©Suresh Kumar Chaturvedi
  #galiyaan
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Suresh Kumar Chaturvedi

अभी तो फिफ्टी हुई है
सेंचुरी अभी बाकी है
सचिन , सचिन है
दिल ❤️ में
अरमान अभी बाकी है

बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉🎉🙏

©Suresh Kumar Chaturvedi
  #Sachin
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Suresh Kumar Chaturvedi

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 
होली खेलो प्रेम से, छोड़ो ऊल जलूल 
 द्वेष अज्ञान आवेश बस, हो गई हो जो भूल 
चुभा दिए हों हृदय में, वाणी से कोई शूल 
होली का त्यौहार है, प्रिय सब जाओ भूल 
मिटा सभी शिकवे गिले, दो प्रेम प्रीत के फूल 
बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi
  #holihai
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Suresh Kumar Chaturvedi

उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
कष्टों में मुस्कान विखेरी, दुनिया नई बसाई 
घर परिवार समाज बनाया,नई रोशनी लाई
त्याग तपस्या वलिदानों की, महिमा कही न जाई 
प्रेम और करुणा की मूरत, उपमा गढ़ी न जाई 
सृजन और पालन पोषण, देवों ने स्तुति गाई
मानवता की ईकाई है नारी, प्रेम की ज्योति जलाई
सर्वस्व समर्पित कर जग को, बराबरी न पाई
धन्य धन्य मां बहन बेटियां,नमन कोटि सिरनाई
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी मां बहन बेटियों को सादर नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi
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Suresh Kumar Chaturvedi

कैद हुई गुनगुनी धूप,कैद  सुगंधित मस्त हवाएं
कैद बसंत सुरम्य वादियां, आसमान सुरमई सदाएं
कैद हो गए झुंड चिड़ियों के, और सांस्कृतिक संरचनाएं
फूल चांद तारों का खिलना, नैतिक मूल्य और मान्यताएं
धर्म और मजहब की आड़ में, खींची नफ़रत की सीमाएं 
बंट गया देश आपस की फूट में,कैद हुईं सब परमपराएं
आओ मिलकर भूल सुधारें,आओ देश अखंड बनाएं
आजादी का अमृत पान करें, फिर से भारत बर्ष बनाएं
प्रेम प्रीत मैत्री पर चलकर, तोड़ें नफ़रत की सीमाएं
आजादी के अमृत बर्ष में, अंतर्मन कर रहा दुआएं

©Suresh Kumar Chaturvedi
  #आजादी_का_अमृत_महोत्सव
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Suresh Kumar Chaturvedi

एक पैगाम मित्रों के नाम

एक पैगाम मित्रों के नाम 
खुश रहो दोस्तों तुम्हें सलाम 
आज का दिन है तुम्हारे नाम 
तुमको प्यार भरा पैगाम 
निश्चल निर्मल मित्र का रिश्ता 
मित्र नहीं सीमाएं रखता 
दिली मोहब्बत प्रेम का रिश्ता 
पावन और पवित्र है रिश्ता
न ऊंच नीच का भेद भाव
न धर्म जाति का आता भाव
नहीं नस्ल सीमा का बंधन
दिल से दिल का है ये बंधन
सभी दोस्तों का अभिवादन
खुशियों से महके घर आंगन
मित्र दिवस की तुम्हें बधाई 
फूले फले सदा फुलवाई 
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi
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Suresh Kumar Chaturvedi

वक्त को कभी तो मिलेगा ठौर
माना कि वक्त रुकता नहीं है
कभी न कभी तो करेगा गौर
आज आप जहां हैं
कल कोई होगा और
देख लो नजारा दुनिया का
बंधु ये है बदलता हुआ दौर
वक्त को भी वक्त के साथ चलने में
कुछ वक्त तो लगेगा और

©Suresh Kumar Chaturvedi
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Suresh Kumar Chaturvedi

नमन वीर भारत के प्रहरी, नमन हे वीर जवान
२३बर्ष पहले जीता था, कारगिल युद्ध महान
जयति जय जय जय वीर जवान
आशीष दे रही भारत माता,अमर हों तेरे प्राण
जयति जय जय जय वीर जवान
नमन वीर भारत के प्रहरी, नमन है वीर जवान 
भारत माता की रक्षा में, कर दिए निछावर प्राण
 कारगिल युद्ध फतेह पर तुम को, बारंबार प्रणाम 
कारगिल की ऊंची चोटी पर, दुश्मन धोखे से आया था
 सबसे ऊंचे युद्ध स्थल में, तुमने मार भगाया था 
विश्व कीर्तिमान रचा, जब पाकिस्तान हराया था 
एक लाख फौज बंधक की, बांग्लादेश बनाया था 
सन 61 में कुटिल चीन ने, पंचशील को तोड़ दिया
 हिंदी चीनी भाई भाई कह, एक अचानक युद्ध किया
 हार नहीं मानी वीरों ने, चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया डोकलाम में आ बैठा था, किया उसे भी पीछे 
गलवान घाटी में आकर बैठा था, किया उसे फिर नीचे
 तेरे साहस और शौर्य को, नमन हृदय से करते हैं 
आज कारगिल फतेह दिवस पर, गर्व जवानों पर करते हैं 
श्री चरणों में सादर तुमको, मान समर्पित करते हैं 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi
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Suresh Kumar Chaturvedi

बरस रहा है जम कर सावन
तुम विन सूना मन का आंगन
देख रही हूं राह तुम्हारी
जल्दी से आ जाओ साजन
निकल न जाए भीगा भीगा सावन

©Suresh Kumar Chaturvedi
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Suresh Kumar Chaturvedi

पेड़ की अंतिम चेतावनी

मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन का दाता हूं 
छहों ऋतु चलतीं हैं मुझसे,मौसम का भाग्य विधाता हूं 
प्राणवायु देता हूं तुमको, सांसे मैं ही चलाता हूं 
जीवन सारा तुम्हें समर्पित, तेरा भाग विधाता हूं 
जीवन भर देता हूं तुमको, बदले में बलाएं लेता हूं 
मुझे ना काटो निर्ममता से, मैं तेरा जीवन का दाता हूं 
मेरे कारण धरती पर, पर्यावरण का चक्र यह चलता है आकर्षित करता हूं मेघों को,  पानी यहां बरसता है 
अस्तित्व हूं हर जीव जंतु का,  जीवन मुझ में बसता है 
गर्मी सर्दी वर्षा सह कर, फल फूल दवाई देता हूं 
मुझे ना काटो निर्मलता से मैं तेरे जीवन का दाता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi
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