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subodhkumar3204
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subodh kumar

"There is no greater agony than bearing an untold story inside you"

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subodh kumar

तुम कहती हो,
कुछ दिनों बाद हमारी आखिरी मुलाकात होगी
तो बताओ, क्या बस अब ख्वाबों में ही बात होगी¡

या फिर मै अश्को को, पन्नों पर उतारूंगा, 
या अश्क भरे इन आंखों में, नींद ना मेरे साथ होगी।

मै कैसे संभालूंगा खुद को, दिखाऊंगा किसको अपना जख़्म,
इतने लम्हें साथ गुजारे है कि, तुम्हारी यादें हर पल साथ होगी।

मै ढूंढूंगा बस तुमको, तुम्हारी आवाज को सुनना चाहूंगा,
ये रात लम्बी हो जाएगी, बस अश्कों की बरसात होगी।

कहा था तुमने, कोई लम्हा, ना मेरे बिन तुम रह सकती,
अब तुम ही दूर चली जाओगी फिर जिंदगी भी ये ख़ाक होगी।।

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subodh kumar

तुम कहती हो,
कुछ दिनों बाद हमारी आखिरी मुलाकात होगी
तो बताओ, क्या बस अब ख्वाबों में ही बात होगी¡

या फिर मै अश्को को, पन्नों पर उतारूंगा, 
या अश्क भरे इन आंखों में, नींद ना मेरे साथ होगी।

मै कैसे संभालूंगा खुद को, दिखाऊंगा किसको अपना जख़्म,
इतने लम्हें साथ गुजारे है कि, तुम्हारी यादें हर पल साथ होगी।

मै ढूंढूंगा बस तुमको, तुम्हारी आवाज को सुनना चाहूंगा,
ये रात लम्बी हो जाएगी, बस अश्कों की बरसात होगी।

कहा था तुमने, कोई लम्हा, ना मेरे बिन तुम रह सकती,
अब तुम ही दूर चली जाओगी फिर जिंदगी भी ये ख़ाक होगी।।

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subodh kumar

इक डर है कि आहिस्ते आहिस्ते
 है मुझे खा रहा,
क्यूं ख़ामोश है अल्फाज़ मेरे
 ना मुझसे कुछ लिखा जा रहा।

इक वो है उधर की
 इक शिकायत लिए बैठी है,
अश्क आंखों में भरके कहती है
 हूं मै बदलता जा रहा।

किया था वादा उससे
 हर महिने हम मिलेंगे,
इक इक दिन गुजरता लगता है
 जैसे सालों बीता जा रहा।

मै चाहता हूं लिख दूं 
दुनियां की तमाम मुहब्बतें,
पर देखो तो हर नज़्म में
 हूं मै अपने ही किस्से सुनाए जा रहा।।

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subodh kumar

गर तुम यूं ही मुहब्बत करते रहे, मै शायर बन जाऊंगा
हर कदम पे इक गीत लिखूंगा, मै पायल बन जाऊंगा।

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subodh kumar

  यूं कब तक, ख्यालों के पीछे भागे कोई
दिल बेचैन हो कुछ कहने को फिर क्यूं ना जागे कोई 

बहुत खूबसूरत है प्यार को लिखना, मै भी लिखता हूं
पर सुकून मिलता नही इस दिल को, गम ला दे कोई 

क्यूं भागता हूं महफ़िल को जहा कोई रहता नही
जिसने अब तक मेरी धड़कन सुनी, उससे मिला दे कोई

हम जो मिले है, बिछड़ना इक दिन लाज़िम है
काश! शब–ए–हिज्र, मुझे जाम–ए–ज़हर पिला दे कोई

वो लोग बहुत है खुश जो खुद से बातें नही करते
हो जायेंगे वो मेरी तरह, गर नज़्म मेरी सुना दे कोई||

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subodh kumar

 यूं कब तक, ख्यालों के पीछे भागे कोई
दिल बेचैन हो कुछ कहने को फिर क्यूं ना जागे कोई 

बहुत खूबसूरत है प्यार को लिखना, मै भी लिखता हूं
पर सुकून मिलता नही इस दिल को, गम ला दे कोई 

क्यूं भागता हूं महफ़िल को जहा कोई रहता नही
जिसने अब तक मेरी धड़कन सुनी, उससे मिला दे कोई

हम जो मिले है बिछड़ना इक दिन लाज़िम है
काश! शब–ए–हिज्र, मुझे जाम–ए–ज़हर पिला दे कोई

वो लोग बहुत है खुश जो खुद से बातें नही करते
हो जायेंगे वो मेरी तरह गर नज़्म मेरी सुना दे कोई||

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subodh kumar

यूं कब तक, ख्यालों के पीछे भागे कोई
दिल बेचैन हो कुछ कहने को फिर क्यूं ना जागे कोई 

बहुत खूबसूरत है प्यार को लिखना, मै भी लिखता हूं
पर सुकून मिलता नही इस दिल को, गम ला दे कोई 

क्यूं भागता हूं महफ़िल को जहा कोई रहता नही
जिसने अब तक मेरी धड़कन सुनी, उससे मिला दे कोई

हम जो मिले है बिछड़ना इक दिन लाज़िम है
काश शब–ए–हिज्र, मुझे जाम–ए–ज़हर पिला दे कोई

वो लोग बहुत है खुश जो खुद से बातें नही करते
हो जायेंगे वो मेरी तरह गर नज़्म मेरी सुना दे कोई

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subodh kumar

 मैने जब भी लिखी कविताएं
 तुमको दूर नही पाया,
तुम्हे पास लिखा, आंखों को लिखा,
 कविताओं ने जुल्फ लहराया

पर नही लिखा उस पल को
 जब तुम पास मेरे आओगी,
या दुनिया की रस्मों के खातिर
 दूर मुझसे जाओगी

लो इक आज गज़ल लिखता हूं
तुम्हारी पायल पर लिखता हूं

जो, बस मुझको सुनाई दे
उस आहट को लिखता हूं

लिख देता हूं घुंघरू को
 जो पायल छन छन बजाएगी,
जब पास मेरे तुम आओगे
राग हवाओं मे घुल जायेगी

पर कैसे लिखूं उस पल को
 जब तुम दूर मुझसे जाओगी
मेरे मैय्यत की शहनाई
पायल की छन छन बन जायेगी।

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subodh kumar

मैने जब भी लिखी कविताएं
 तुमको दूर नही पाया,
तुम्हे पास लिखा, आंखों को लिखा,
 कविताओं ने जुल्फ लहराया

पर नही लिखा उस पल को
 जब तुम पास मेरे आओगी,
या दुनिया की रस्मों के खातिर
 दूर मुझसे जाओगी

लो इक आज गज़ल लिखता हूं
तुम्हारी पायल पर लिखता हूं

जो, बस मुझको सुनाई दे
उस आहट को लिखता हूं

लिख देता हूं घुंघरू को
 जो पायल छन छन बजाएगी,
जब पास मेरे तुम आओगे
राग हवाओं मे घुल जायेगी

पर कैसे लिखूं उस पल को
 जब तुम दूर मुझसे जाओगी
मेरे मैय्यत की शहनाई
पायल की छन छन बन जायेगी। Photo @tarunchauhan

Photo @tarunchauhan

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subodh kumar

आज होकर अस्त, सूरज हमें सिखलाएगा
तप कर जो शीतल होगा उसे भी पूजा जायेगा।

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