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devrishidevta6297
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Dev Rishi

वो शख्स मेरा है ये हक़ जताता रहता हूं पर उसकी लिबास ए लफ्ज़... मैं नहीं " ✍️

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Dev Rishi

White  सुनहरी हंसी अब कौन याद करें, 
दुःख दर्द ग़मों पर पश्चाताप कौन करें

©Dev Rishi
  #love_shayari

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Dev Rishi


उत्सव हार की होनी चाहिए
आंसू तो खुशी में भी गिरा लेते हो

©Dev Rishi

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Dev Rishi

रात की कहानी में बात आ ही जाता है
जिक्र किसी ओर का क्यों न हो, याद तुम्हारा हो ही जाता है

©Dev Rishi
  #यादें
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Dev Rishi

हां , ये जरूरी था
भूखें पेट के लिए जरूरी था

©Dev Rishi
  #शायद #जरूरी_था
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Dev Rishi

घरों की चौखटों पर शिक्षा यूं ही रखी रहें
दवा दारू, न सही पर शिक्षा यूं ही मिलती रहें
स्कूल, कोलेज, अब तो सारे धंधेबाज हो गये है 
कुछ यूं ही घरों की दीवारें किताबों से सजी धजी रहें

©Dev Rishi
  #शिक्षा #व्यवसाय
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Dev Rishi

मुस्कुरा चेहरा पे ये बोझ है
ज़बान घरो की जिम्मेदारी उठानी तो रोज़ है

©Dev Rishi
  #जिम्मेदारी #घर
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Dev Rishi

White वजाहत में थोड़ी अश्रु रखें है
यदि कभी मिले तो अर्पित कर ही देंगे....
अब इश्क़ ए धरोहर रखा नहीं जाता है
हर बातों में इश्क़ अब तल्ख सी लगने लगीं है...

©Dev Rishi
  #love_shayari

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Dev Rishi

खुली खेत खलिहान से दिख रहा ये जो है
पर्वत नदिया जंगल और ये नीला आसमान..
कुछ कह रहा है, कुछ आंसू गिरा रहा है
देवों, महादेवों की भूमि झारखंड....
नव परिवर्तन, नवनुतन की आसार हैं
सावन में बाबा वैद्यनाथ का खुला हुआ राज दरबार है
सब कुछ मांग लो मिलेगा यही उदारता झारखंड का पहचान है

©Dev Rishi
  #झारखंड
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Dev Rishi

कुछ बातें ज़ख्म देती है 
पर सच तो ये है कि कुरेदने का काम खुद ही करता हूं

©Dev Rishi

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Dev Rishi

White कुछ भी नहीं...सोचा कुछ भी नहीं
ख्यालों, यादों, शेरों शायरी से क्या होगा
उम्र ए जवां खो जाने के बाद क्या होगा
कुछ भी नहीं, राह गुज़र ख़ाक होगा....

एक ख्वाहिश थी तेरे संग यू चांद सितारे देखूं 
पेड़ों की छाव में बैठ दो चार बातें कर लूं
कभी पायल की खनक तो कभी झुमके देखूं 
बस थोड़ी सी मोहलत ख़ुदा दें देते तो...
 बनारस के घाटों पर दो चार कदम  तेरे साथ चल लूं.....

इश्क़ ए फरियाद अब कुछ भी नहीं....
लालसा, उम्मीद ए ख्वाब अब कुछ भी नहीं......

©Dev Rishi
  #love_shayari #कुछ_अनकही_बातें
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