Nojoto: Largest Storytelling Platform
atulyadav4494
  • 12Stories
  • 52Followers
  • 76Love
    56Views

Atul Kumar

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

शहरों-शहर भटका बहुत,सुकूँ की तलाश में. 
शोहरत बहुत मिली मगर,सुकूँ मिला वापस अपने गांव में.
---------------
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

शहर दर शहर भटका बहुत,सुकूँ की तलाश में. 
शोहरत बहुत मिली मगर,सुकूँ मिला वापस अपने गांव में.
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

भटकते रहे शहरों-शहर सुकूँ की तलाश में, 
 वहां शौहरत बहुत मिली मग़र सकूँ मिला वापस अपने  गांव में.
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

ऐसा बिलकुल भी नहीं था कि मेरा  इश्क़ एकतरफा था.  
सारा फ़लसफ़ा ये था यारों कि उनका  इश्क़ चौतरफा था. 
*************************
बेचकर अपना इमां वो चल दिए मुंह फेरकर.
सारी ग़ैरत तक रख, बेशर्मी का घूँघट ओढ़कर. 
************************
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

लगा दिया जब दांव पे सब कुछ, फिर खोने से डरना क्या. 
ग्रीवा कृपाण पे रख दी जब, तो सिर कटने से डरना क्या. 
जीवन भी एक कुरुक्षेत्र ही है,ताउम्र संग्राम यहाँ चलता है. 
बुलंद हौसलों के आगे, किस्मत को भी  नतमस्तक होना पड़ता है. 
*************************
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

लगा दिया है दांव पे सब कुछ, खोने को कुछ नहीं बचा. 
पर किस्मत से लड़ने का अऱमान अभी तक नहीं घटा. 
**********************
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

जो शख्स एक बार दिल से उतरा और नज़रों से गिर गया. 
फिर क्या फर्क पड़ता है वो किधर गया.
---------------------------
copied*, diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

बीते हुए समय की सब बातें  पुरानी हो गईं 
 बाबा दादी की कहानियों की याद धूमिल हो गई
बचपन की वो मासूमियत, चालाकियों में खो गई
ऐसा लगता है की हमसे कुछ भूल भारी हो गई।। 
स्कूल की वो जिंदगी, जहाँ यारी ही थी बंदगी 
पर वो एक ऐसा दौर था, जब सपनों का एक ढेर था 
सपनों को ही समेटने में, यारियां सब ढह गईं
ऐसा लगता है हमसे कुछ भूल भारी हो गई।। 
अब नहीं कुछ और है, स्पर्धा का ये दौर है 
बस एक दूजे को हराने की लगी यहाँ होड़ है 
जिंदगी की शौहरतें, एक खालीपन हैं दे गईं 
ऐसा लगता है हमसे कुछ भूल भारी हो गई।। 
****************************
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

"गुलशन में गुल मुरझाते ही, गुलज़ार उजड़ते देखे हैं...
मौसम बदले उसके पहले, कुछ यार बदलते देखे हैं."
-------------
वो कहते थे तुम हो मेरे महबूब अलहदा, 
मैने भी उनको माना था दिल से अपना खुदा. 
पर वो ख़ुदाई के काबिल ना थे, खुदग़र्ज बड़े थे,  
नश्तर घुपाया पीठ में हमदर्द बड़े थे. 
-------------
diary@kumar-atul
1814cbc6d92b2b2871c045db1411b715

Atul Kumar

आज कुछ परेशान ज़रूर हूँ, मग़र हारा नहीं हूँ... 
हालात भले ही थोड़े ख़राब हैं, मग़र हालात का मारा नहीं हूँ... 
शायद कुछ लोग ग़फ़लत में हैं, कि मैं कोई बुझता हुआ चराग़ हूँ...
अरे नामुरादों मैं कोई जुगनू नहीं, आसमाँ का एक बुलंद सितारा हूँ... 
***********************
diary@kumar-atul
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile