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anjnaagrawal5606
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Anjna Agrawal

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Anjna Agrawal

किसी की अदाकारी, तो कोई वफादारी 
वफ़ा का वादा,मोहब्बत में रहा है आधा 
गुलों का मौसम, फिर आया खार का स्यापा 
उफ़ ये इश्क़ की कसमें और इश्क़ का वादा

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

दिया है उसने वो सब्र ओ अमल 
ज़ख्म में अब टांके भी नहीं लगते

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

तबाहियों का आलम रहा उम्र भर कुछ यूं मुंसिफ 
मेरे दिल से बर्बादियों का डर ही निकल गया

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

वक्त बेवक्त जब तू ख्यालों में आता है 
मेरा हर ज़ख्म मरहम में बदल जाता है

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

राह चलते अक्सर आता इक अदना सा ख्याल 
ख्याल याकि हजारो सवालों का इक सवाल 
बग़ावत की लकीरें हमनें जरा मोटी की होती 
बेबसी की सारी दीवारें हमनें लांघ ली होती 
हिम्मतों की उड़ान और अपना आसमान होता 
बेफिक्री के दौर होते,सपने ही कुछ और होते

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

ठिठुरती ठंड में गुनगुनी सी धूप 
हवा में धीरे-धीरे घुलती सुगंध 
उगते सूरज की अतुल कांति 
विदा होते सूरज का लालित्य 
तुम्हारे मन की अद्भुत चंद्रप्रभा 
मेरे आंतर को जब स्पर्श करती 
तब नेत्रों से छलछलाती अश्रु बूंदें 
अकल्प-अजब भाव से भर जाती 
कभी अधरों संग स्मित करती 
कभी गले तक रूंध ले आती !

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

संदल -संदल पवन के फेरे 
तूफानों को अंक में घेरे 
रंग - बिरंगें  सुमनों सी
मुस्काती- इठलाती भाषा 
जीवन के कितने ही मूल 
चरणों में है रजत सी धूल 
सरल - सहज जीवनशैली 
संस्कृति की विविध रंग रैली 
वेद- वेदान्त की उजली आभा 
गहन चिंतन, अध्यात्म प्रभा

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

एक तिनका हूं मैं मां तेरे आंचल का 
एक कतरा हूं मैं मां तेरे बादल का 
कंकड़ हूं मां तेरी पावन मिट्टी का 
कभी साबित करूं या न भी करूं 
छोटा-सा किस्सा हूं तेरे आंगन का

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

सरल हृदय की इतनी भाषा  
छल से छलते जीवन बीता 
आशाओं के सतरंगी अंबर में 
न तारे निकले,न चांद ही जागा 
सूरज ने स्वयं का ताप दिया बस 
उजियारे को वो भी लेकर भागा 
द्वीप बनाया फिर उसने खुद को 
ओढ़ लिया दीप्त सन्नाटा

©Anjna Agrawal
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Anjna Agrawal

शाम का रेशमी मौसम 
चाय की गर्म-गर्म शोखियां 
मैं और तुम लेते चुस्कियां 
बस इक यही ख़्वाब तो है 
बिखरी- बिखरी ही सही 
जिंदगी तेरे-मेरे दरम्यान 
बस इक यही इंतखाब तो है

©Anjna Agrawal #GingerTea
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