Nojoto: Largest Storytelling Platform
prashantkumarpin3235
  • 82Stories
  • 34Followers
  • 855Love
    26.3KViews

Prashant kumar pintu

  • Popular
  • Latest
  • Video
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

Unsplash ये इक दुनिया है सपनों की 
परवाह नहीं है अपनो की।

तरक्की के इस राह में 
कुछ साथ चले, कुछ छूट गए।
सुख की अंधी चाह में 
अपने ही अपनो से रूठ गए ।

निकला था जब जग जीतने 
संग अपनों का एक अंबार था ,
जेबें तो थी खाली पूरी,मगर
प्यार अपनों का अपरम्पार था  

अब पास संपदा का भंडार है 
आंगन सुखों से गुलज़ार है 

फिर भी मन क्यों उदास है?
अब बांकी कौन सी प्यास है ?

जब मैंने खुद से बात किया 
संग बिखरा अपना जज़्बात किया
फिर अपने मन का जवाब आया 
यकीं करो इस बार लाज़वाब आया 

खुले हाथ हो खाली हो जेबें 
फिर भी मुट्ठी में संसार है
मगर अपनों के प्यार बिना 
ये मानव जीवन बेकार है ।।

©Prashant kumar pintu #Book
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

कुछ यूं ठिठक ठिठक कर, जिंदगी
मुझसे मेरा सारा काम लेती है 
स्वाभिमान जीने देना नहीं चाहती
और ज़मीर मौत को थाम लेती है।।

©Prashant kumar pintu #feelingsad
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

    एक गलत कदम क्या चले राह ए शौक़ में
मंज़िल ताउम्र मुझे ढूंढती रह गई ll
😀😀😀

©Prashant kumar pintu
  #sadak
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

#Love 
#miss 
#miss u
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

#kuchlafz
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

#kuchlafz
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

इतना फक्र मत करो मुझमें उतरने का ऐ नदियों,
प्रशांत महासागर है, खुद में भी उतरा तो
सदियों बीत जाएंगे ।।

©Prashant kumar pintu
  #s_prashant_writes🇮🇳

s_prashant_writes🇮🇳 #विचार

18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

तुम किरण मेरी,मैं सुबह तेरा 
     ‌                         तुम लालिमा मैं शाम सा ।
तुम प्यार मेरी, मैं भाव तेरा
                              तुम मेला हो मैं लाम सा ।
तुम झूमता तन, मैं नशा तेरा
                              तुम बोतल हो मैं जाम सा ।
तुम खुशबू हो, मैं पुष्प तेरा
                              तुम रसभरी मैं आम सा ।
तुम ओस हो, मैं शीत काल
                              तुम ग्रीष्म हो और मैं घाम सा ।
तुम सुकूं मेरी, मैं चैन तेरा
                              तुम राहत सी, मैं आराम सा ।
तुम भारती हो, मैं गांव तेरा
                             तुम अमन और मैं पैगाम सा ।
‍तुम जिस्म हो, मैं हुस्न तेरा
              ‌‌                तुम सौंदर्य और मैं काम सा ।
तुम साँस मेरी, मैं पहचान तेरा
                                 तुम व्यक्ति हो, मैं नाम सा ।
तुम सीता हो , मैं सादगी
                              तुम मर्यादा, मैं राम सा ।
तुम राधिका, मैं रूप तेरा
                              तुम प्रेम हो, मैं श्याम सा ।

©Prashant kumar pintu
  #TereHaathMein
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

#dardedil
18d6ab6316b8506eade9b543468698fa

Prashant kumar pintu

#humarikahani
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile