रुक जाती थी जो दिल की बात आकर होंठो पर, करता हूं अब मैं अपने दिल के अल्फाज़ बयान 🇳 🇴 🇯 🇴 🇹 🇴 पर। परखा बहुत गया मुझे, पर समझा ना गया। 🅰🅼🅰🅽 🅺🅰🅸🆃🅷🅰🅻 मैंने लिखते हुए कलम से कहा,"मुझे कभी धोखा मत देना", इस पर कलम ने कहा,"मैं कलम हूं, कोई इंसान नहीं"। लिखता हूं तो कलम रुक जाती है, शायद उस लिखने में तेरी याद का ज़िक्र होता है। 9🇯 🇴 🇹 🇴 कलम ने कहा," करती हूं मैं वादा तुमसे,जो लिखूंगी सच्च लिखूंगी", मैंने कहा," वादा ना कर एह कलम वादा ना कर, ये वादा देता है खुशियां दो पल की लेकिन छीन बहुत कुछ लेता है", कलम ने कहा," मैं कलम हूं, कोई इश्क़ नहीं,"। 🇸 🇭 🇦 🇾 🇦 🇷 🇮 ये मेरी शायरी है दोस्त, दिल और दिमाग़ पर छाप छोड़ देगी। लगे हैं दूर रेहने लोग, शायद उन्हें सच्च सुनना पसंद नही।
A Saini
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