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arjunsingh9671
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Arjun Singh

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Arjun Singh

Aankh meeche chle jate hai us duniya me                         jha par andhere me rhte hai Log,                                                                           us Duniya me jaker kya kroge,                                                        Jha par Log apne me hi khoy rhte hai,                                  kya kroge us Duniya me jaker                                       jha par Log sirf samne he meethe bol bolte hai,

©Arjun Singh
  us duniya me

us duniya me #कविता

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Arjun Singh

haha  .haha  😱😱

haha .haha 😱😱 #हॉरर

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Arjun Singh

khvab adhhra

khvab adhhra #लव

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Arjun Singh

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Arjun Singh

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Arjun Singh

सच्चा दोस्त वही होता है जो परेशानी में साथ देता है

©Arjun Singh
  सच्चा दोस्त

सच्चा दोस्त #विचार

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Arjun Singh

#LoveStory
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Arjun Singh

दुनिया का सबसे तेज चीज है दिमाग

©Arjun Singh
  🤑🤑🤑🤑🤑

🤑🤑🤑🤑🤑 #जानकारी

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Arjun Singh

एक गांव में 3 दोस्त रहते थे उनके नाम थे एक का नाम सोहन एक का नाम मोहन एक का नाम रोहन वे सभी बेरोजगार थे काम की तलाश में उन्होंने मिलकर फैसला लिया कि वह शहर जाएंगे उन्होंने शहर जाने के लिए पैसे इकट्ठे किए पर उसमें से कुछ पैसे कम पड़ रहे थे तो उनमें से सोहन ने  मैं साहूकार के पास जाकर कुछ पैसे उधार ले आता हूं शहर से वापस आकर चुका देंगे तो सब दोस्तों ने कहा ठीक है सोहन पैसे लेने साहूकार के पास गया साहूकार से बोला कि मुझे कुछ पैसे उधार चाहिए साहूकार ने कहा कब आ कर दोगे सोहन बोला जब हम शहर से वापस आ जाएंगे साहूकार बोला तुम शहर से वापस कब तक आ जाओगे सोहन बोला पता नहीं साहूकार बोला तो मैं कैसे दे दूं मुझे तुम पर यकीन नहीं कि तुम लौटा कर दोगे अगर तुम शहर से वापस नहीं आई तू मेरे पैसे गए इसलिए मैं तुम्हें पैसे उधार नहीं दे सकता हां अगर कुछ तुम चीज गिरवी रख दो तो मैं दे सकता हूं सोहन ने सोचा कि मेरे पास गिरवी रखने के लिए क्या है उसे ध्यान आया कि मेरे पास एक साइकिल है सोहन साहूकार से बोला कि साइकिल गिरवी रखने पर तुम कितने पैसे दोगे साहूकार बोला 2000 सोहन साहू का से बोला कि मैं साइकिल लेकर आता हूं तुम मुझे ₹2000 देना सोहन घर जाकर साइकिल ले आया साहूकार ने ₹2000 दे दिए और कहा अगर तुम 3 साल में वापस आ गई तो मैं तुम्हें साइकिल लौटा दूंगा वरना यह साइकिल मेरी सोहन ने कहा ठीक है वह अपने दोस्तों के पास गया दोस्त बोले तुम पैसे ले आई सोहन बुरा हां ₹2000 ले आया हूं उन्होंने फैसला किया हम कल सुबह बस से शहर चलेंगे वे अपने घर जाकर सो गए सभी दोस्त अपने मन में सोचते रहे कि वहां से जाकर क्या करेंगे सोचते सोचते उनकी आंख लग गई सुबह हुई और वे बस में बैठकर शहर के लिए रवाना हुए उन तीनों ने नाश्ता नहीं किया था बस में एक मूंगफली बेचने वाला आया मोहन बोला चलो पांच ₹5 की मूंगफली ले लेते हैं मोहन ने पांच ₹5 की तीनों के लिए मूंगफली ले ली तीनों ने बस में मूंगफली खाई और 2 घंटे बाद शहर बस पहुंच गई वे सभी शहर पहुंच गए लेकिन वह तीनों बातचीत करने लगेगी हम करेंगे कहां रोहन बोला हम किसी रेस्टोरेंट में रखते हैं सोहन बोला हम रेस्टोरेंट में नहीं रुक सकते हमारे पास इतने पैसे नहीं है तभी सोहन को ध्यान आया कि इधर मेरी बुआ जी रहती है सोहन बोला चलो मेरे बुआ जी के घर चलते हैं वैसे भी बुआ जी के घर पहुंचे उन्होंने दरवाजा खटखटाया  बुआ जी ने दरवाजा खोल दिया सोहन मोहन रोहिणी उनके पैर छुए बुआ जी उन्हें घर के अंदर ले गए बुआ जी बोली तुम इतने सालों बाद यहां सोहन बोला हम यहां पर नौकरी की तलाश में हैं बुआ जी बोली यहां पर नौकरी  मिलना बहुत ही मुश्किल है  बोले हम कोशिश कर ही सकते हैं बस हमें रहने के लिए एक कमरा चाहिए बुआ जी बोली बोली कमरा तो मिल जाएगा लेकिन उसका किराया 2000 महीना है सोहन हमारे पास बोला तो ₹1000 ही बची बुआ जी बोली 1000 अभी दे देना 1000 महीने खत्म होने पर देना वे कमरे पर किराए पर ले साथ लिया फिर उन्होंने बुआ के पास खाना खाया और सो गए सुबह कम की तलाश में निकल गई काम की तलाश करते हुए दो-तीन दिन निकल गए फिर उन्हें एक पुस्तकालय में नौकरी मिल गई फिर सुबह उठो काम पर निकल जाओ और शाम को आकर बातचीत करते कि हम कब तक ऐसा करते हैं फिर वह बातचीत करते-करते सो गई वे दूसरे दिन पुस्तकालय में काम कर ही रहे थे कि उन्हें एक किताब मिली उन्हें वह किताब कुछ अलग सी मालूम पड़ी उन्होंने खोल कर देखा तो उसमें एक नक्शा था उन्होंने वह नक्शा अपनी जेब में डाल लिया वे शाम को घर पहुंचे तो उन्होंने नक्शा खोल कर देखा वह नक्शा एक खजाने का था वे तीनों दोस्त चौक गई फिर रोहन बोला कि शायद यह नक्शा नकली है लेकिन सोहन मोहन बोले यह नक्शा असली हुआ तो हम करोड़पति बन जाएंगे नक्शा देखते-देखते दस्तावेजों की छानबीन में निकल जाल और एक जंगल में जा पहुंचे उन्हें वहां कुल सारी गुफाएं मिलि उनमेन से एक गुफा खजाने का रास्ता था उन नक्षे में ध्यान से देखा की  गुफा के बही एक पेड़ पर पत्ते नहीं होंगे उन्होंने गुफा डूंड ली गुफा के अंडर गई गुफा में अंधेरा था मोहन ने मचिस निकली एक लकड़ी पर रुमाल लपेटा और उसे जलाया आगे देखते हुए धीमे गति से चलते आगे जाकर गुफा में एक तालाब मिला इस तालाब के ऊपर सिर्फ एक लकड़ी का कमजोर pul था उसके ऊपर से सभी जाने लगे सोहन मोहन तो निकल गए लेकिन रोहन अभी भी चल रहा था कि अचानक पुल टूट गया लेकिन सोहन ने रोहन का हाथ पकड़ लिया और दोनों ने मिलकर ऊपर खींचा रोहन ने दोनों को ऊपर आकर धन्यवाद कहा और कहा अब आगे बढ़ रहे हैं आगे जाकर उन्हें एक बड़ी चट्टान रास्ते पर मिली उन्होंने उसे धकेला पर वह शक भी नहीं रही थी उन्होंने आसपास देखा कोई तो उपाय होगा फिर उन्हें नक्शे में देखा की दीवाल पर एक बटन होगा उसे हटाने के लिए उन्होंने बटन ढूंढा ओ बटन दबाया तो चट्टान रास्ते से हट गई फिर उन्होंने चलना आरंभ किया बहुत दूर तक चलते गए चलते गए फिर वह चलते गए और गुफा की दूसरी छोर पर पहुंच गए गुफा से निकलकर नक्शे के मुताबिक आगे चलते गए नक्शे में एक पहाड़ बना हुआ था उन्हें भी सामने पहाड़ दिख रहा था वे सभी पहाड़ की तरफ बढ़ने लगी बहुत देर तक चलने के बाद उन्हें बहुत भूख लगाई थी वह घर से नाश्ता लेकर आए थे उन्होंने खाना खाया और कहा हम थोड़ा आराम कर लेते हैं फिर आगे की और चलेगी वेट तीनों सो गए दो-तीन घंटे सोने के बाद उन्होंने फिर से यात्रा आरंभ की एक 2 घंटे चलने के बाद उस पहाड़ के पास पहुंच गए जो पहाड़ नक्शे में बना हुआ था नक्शे के मुताबिक उन्हें उस पहाड़ की चोटी में पहुंचना था वे तीनों पहाड़ चढ़ने लगे चढ़ते चढ़ते रात हो गई उन्होंने एक जगह आग जलाई और बैठ गई वे सभी सोचने लगे कि यह पहाड़ तो हम बहुत ऊपर आ गए हैं अगर और ऊपर जाकर चोटी पर खजाना नहीं मिला तो सोहन बोला भाई ऐसा नहीं हो सकता यह नक्शा असली लग रहा है और बहुत पुराना भी मोहन रोहन बोली हो सकता है यह नक्शा असली हो पर इस पहाड़ की चोटी चढ़ते चढ़ते हम बहुत थक गए हैं अब हमसे चढ़ा नहीं होगा सोहन बोला ठीक है दोस्तों हम आज रात यहीं पर आराम करते हैं कल सुबह से चढ़ना शुरू करेंगे वह सभी सो गए कल सुबह जाकर फिर चढ़ने लगी चढ़ती चढ़ती भी पांव में छाले पड़ गए थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी चढ़ते चढ़ते पहाड़ की चोटी पर पहुंच गई नक्शे में दिया हुआ था कि पहाड़ पर एक पत्थर के नीचे से सुरंग गई है जो एक गुफा पर निकलती है वह पत्थर ढूंढने लगे उन्हें वैसा ही पत्थर के रास्ते पर था पर यह पत्थर उससे छोटा था उन तीनों ने जोर लगाया तो वह पत्थर हट गया उस पत्थर के नीचे से एक सुरंग गई हुई थी उन्होंने देखा और वे तीनों सुरंग में कूद पड़े चलते चलते हुए वह एक गुफा तक जा पहुंचे उस गुफा में उन्होंने देखा जो चारों तरफ खजाना खजाना था बहुत कुल सारा खजाना लिया और शहर जा पहुंचे  बहुत अमीर हो गए थोड़ा सा सोना उन्होंने बुआ जी को दिया और सारा लेकर गांव आ गए उन्होंने गाँव में बहुत अच्छा बनाया और  पसंद किया अपना सारा कर्ज चुकाया गया और तीनो दोस्त ख़ुशी से रहाणे लागे इससे हमें ये सिख मिलाती है की दोस्ती कभी नहीं छोड़नी चाहिए और सभी का साथ देना चाहिए अगले भाग बहुत जल्द ही आने वा ले 😍🤗👋 धन्यवाद

©Arjun Singh
  खजाना🤑,khajana,🤑😱

खजाना🤑,khajana,🤑😱 #प्रेरक


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