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amitsirkumar6183
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Amit Sir KUMAR

I am a professional teacher, CA (inter),Qualified CFP and a short poem writer. Instagram Poet_Amitsir https://youtube.com/@mrami111?si=K98qpgxtZ2BWeA82

https://open.spotify.com/episode/175MqtvzvGn4lFUClhPgRP?si=Mv4UY0UvTPqAl5NelR9gGQ

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Amit Sir KUMAR

Unsplash   अपनी कमजर्फी  के नकाब को ढक लेते हैं, रिश्तों कि आड़ लेकर कुछ लोग

खुरचने कि जरूरत नहीं होती, 
निकल आता है खुद ब खुद ये नकाब
आजमाईशे जरुरत पर।

©Amit Sir KUMAR
  #leafbook  शायरी दर्द

#leafbook शायरी दर्द

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Amit Sir KUMAR

Unsplash ज़मीर का सौदा नहीं किया मैंने 
शायद इस लिए अब तक जिंदा हूं 

वरना बहुत मुर्दे देखें हैं इस बस्ती में 
अपने बिके हुए ज़मीर को सुपुर्दे खाक करते हुए।

©Amit Sir KUMAR
  #leafbook #जिंदगी  'दर्द भरी शायरी'

#leafbook #जिंदगी 'दर्द भरी शायरी'

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Amit Sir KUMAR

White तन्हाइयों का मुझे शौक नहीं 
पर रिश्तों कि आजमाइशें हि कुछ ऐसी रहीं हैं 
महफ़िलें मुझे अब खौफ का एहसास देती है 
कमजरफी इस कदर हावी है रिश्तों में 
तन्हाइयां हि मुझे अब अपनेपन‌ का एहसास देती हैं।

©Amit Sir KUMAR
  #good_night  'दर्द भरी शायरी'

#good_night 'दर्द भरी शायरी'

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Amit Sir KUMAR

White किस उधेड़बुन में लगा है तु
किस नाउम्मीदी में डुबा हुआ है तु

बीते हुए पल कि चिंता न कर 
तोड़ दे  तु सारे नाउम्मीदी के बंधनो को

समेट ले अपने हौसले के पंखों को एक बार फिर तु
उड़ने के लिए पुरा आसमान सामने पड़ा है 

रूकने कि इजाजत नहीं तुझको
न थकने का कोई विकल्प 
उड़ता जा तु
हौसले के आगे तो आसमान भी छोटा पड़ा है।

©Amit Sir KUMAR
  #Hope #Zindagi  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी

#Hope #Zindagi मोटिवेशनल कविता इन हिंदी

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Amit Sir KUMAR

White भावनाओं कि  ये सरिता है
विचारों कि  ये कविता है 
एक माला कि डोर कि तरह 
जोड़ती है जो दिल से दिल का रिश्ता 
हिंदी भाषा का मुझसे 
मां कि तरह एक रिश्ता है।

©Amit Sir KUMAR #hindi_diwas  हिंदी दिवस पर कविता

#hindi_diwas हिंदी दिवस पर कविता

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Amit Sir KUMAR

White गणपति गणपति का शोर चारों ओर हैं 
आज गणपति हि चारो ओर हैं 

आई है शुभ घड़ी कि बेला आज गणपति का आगमन हमारी ओर है

हर नजर टकटकी लगाए, स्वागत को आतुर 
हर नजर केवल विघ्नहर्ता कि ओर है 

हे एक दंत ,दयावंत ,रिद्धि सिद्धि दाता
कर दो कृपा दृष्टि हमारी ओर भी
तुम्हारे सिवा नहीं कोई मेरा और है।

©Amit Sir KUMAR #Ganesh_chaturthi
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Amit Sir KUMAR

White कहां गुम है तेरी बांसुरी कि धुन कान्हा 
तेरी गैया तुझे पुकारे 
कहां हो कृपा सिंधु दया निधान 
कई द्रौपदी कर रही चित्कारे
जीवन कि इस कुरूक्षेत्र में 
बिन सारथी का है मेरा रथ
संभाल लो मेरा रथ बन‌ जाओ मेरे सारथी
हे पार्थसारथी,हे कृपा सिंधु 
अब तो ये नजरें सिर्फ़ तुझे हि निहारे
दुशासन, दुर्योधन कि फौज खड़ी चारो ओर 
आ जाओ कन्हैया 
अब तो सिर्फ तुम हि आस हमारे।

©Amit Sir KUMAR
  #Krishna  हिंदी कविता

#Krishna हिंदी कविता

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Amit Sir KUMAR

White आजादी के रंग बिखेर दो इस कदर
भेद कोई हो न
सब रंग जाए, सराबोर हो इस रंग में उम्रभर 
न हो धर्म का कोई बंधन,न हो जाती कि दीवार
तोड़ दो भाषाओं कि सीमाएं 
गिरने दो अमीरी-गरीबी कि दीवार
घुलने दो फिजाओं में आजादी के रंग ऐसे 
न रहे गरीबी, अशिक्षा का नामोनिशान 
भारतियता के रंग में रंग जाए सब इस कदर
रहे न किसी और रंग कि दरकार।

©Amit Sir KUMAR #happy_independence_day
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Amit Sir KUMAR

White ऐ ज़िन्दगी तुझसे मेरी यारी बहुत पुरानी है 
हर लम्हे में तेरी हिस्सेदारी है 
हर एक मंजर में तेरी राहदारी हैं 
खेले है तुने कई खेल मुझसे 
इस खेल कि केवल तु ही खिलाड़ी है 
छोड़ जाएगी तु एक दिन 
इस बात का मुझे यकीन है 
ये तो तेरी फितरत कि जिम्मेदारी है 
दौड़ा हूं बहुत तेज मैं तेरे साथ अबतक
कुछ थक सा गया हूं 
रूक जरा चल साथ बैठे पल दो पल
कुछ हसिन लम्हे बुनते हैं साथ-साथ 
कुछ बेतकल्लुफी तेरी भी जिम्मेदारी है 
तेरी बेवफ़ाई से वाकिफ हूं मैं 
फिर भी इस गलतफहमी में भी एक अजीब खुमारी है 
ऐ जिन्दगी तुझसे मेरी यारी बहुत पुरानी है।

©Amit Sir KUMAR
  #love_shayari ऐ जिन्दगी तुझसे.....

#love_shayari ऐ जिन्दगी तुझसे..... #शायरी

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Amit Sir KUMAR

White पिता एक शब्द नहीं एहसास है 
उसकी दुआओं का साया हर दम तेरे साथ हैं 

अंधेरी राहों में वो हैं रौशनी का साया
जब भी राह में तु डगमगाया, उसने सहारे से तुझको उठाया 

अपने सपनों कि उसे खबर नहीं 
केवल तेरे सपने पूरे करने में उसने अपना जीवन लगाया 

जिसका अंश तेरे संपूर्ण जीवन का आधार है 
उस पिता को बारंबार प्रणाम है।

©Amit Sir KUMAR
  #fathers_day पिता एक शब्द नहीं एहसास है......

#fathers_day पिता एक शब्द नहीं एहसास है...... #कविता

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