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pranjalsingh3912
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Thakur Pranjal Singh

Life Isn't Fuckin Easy😉😉✌

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Thakur Pranjal Singh


आपकी खुशबू को प्रतिपल महसूस करना
आपकी महक मे खो जाना,
हर समय आपकी
साँसो की सुगंध मे मद होश हो जाना, 
स्वयं को
हर पल आपके ही समक्ष महसूस होना आपका
होकर रहना ही प्रेम है..
जो समझाया ना जा सके,वो प्रेम है.जो महसूस हो बस,रुह की गहराईयों तक वो प्रेम है

©Thakur Pranjal Singh
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Thakur Pranjal Singh

गुलाब देना आसान है 
समय देना मुश्किल, 
लेकिन अब के जो आना तुम
तो समय लेकर आना
गुलाब नही।

©Thakur Pranjal Singh
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Thakur Pranjal Singh

#poetryunplugged
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Thakur Pranjal Singh

नश्वर है ये दुनिया, मेरा ये शरीर

इसमे अनश्वर है तो

मेरी ये रूह,

 और आपके लिए मेरा ये अटूट प्रेम।

#pranyaa❤

©Thakur Pranjal Singh #shaadi
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Thakur Pranjal Singh

महकता है हर वक्त मेरा प्रेम आपके भीतर से

आप अगर खफा भी हो हमसे तब भी बेइंतहा याद आया करते हो।

©Thakur Pranjal Singh #akelapan
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Thakur Pranjal Singh

#poetryunplugged
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Thakur Pranjal Singh

बस इतना प्रेम चाहते है तुमसे कि,


जब भी प्रेम पर चर्चा हो कहीं भी


पर तुम्हारे मन के भीतर नाम मेरा हो!

©Thakur Pranjal Singh #Love

Love #Quotes

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Thakur Pranjal Singh

हैं फूलों की डाली ये बाँहें तुम्हारी 
हैं ख़ामोश जादू निगाहें तुम्हारी 
जो काँटे हो सब अपने दामन में रख लूँ 
सजाऊँ मैं कलियों से राहें तुम्हारी 
नज़र से ज़माने की ख़ुद को बचाना 
किसी और से देखो दिल न लगाना 
कि मेरी अमानत हो तुम बिखेरो जो ज़ुल्फ़ें तो शरमाए बादल 
फ़रिश्ते भी देखें तो हो जाएँ पागल 
वो पाकीज़ा मूरत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम 
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम...

©Thakur Pranjal Singh #YouNme
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Thakur Pranjal Singh

ना कोई हमें चिंता थी, ना थी कोई फरियादें
नाना के कांधे पे घूम जाते थे पूरा गांव
और बारिश के पानी में चलाते थे कागज की नाव

अब कहां वैसी खुशी , जिसका कोई कारण नहीं था
आज मुझको लगता है, वो बचपन का दिन ही सही था
मेरी वो बचपन की मुस्कुराहट क्यों नहीं लौट आती है
आजकल तो बिना मुस्कुराए ही सुबह से शाम निकल जाती है


वो बचपन की गलती, जब पापा डांटते थे
और हमारी आंखों से ,मगरमच्छ के आंसू आते थे
वो बूढ़े दादा और दादी जो बीच में आते थे
और मेरी तरकीब को देख पापा मुस्कुराते थे


वह पापा की डांट अब मिलती नहीं है,
मुझे देख , वह बचपन की मुस्कुराहट माँ पे खिलती नहीं है
वह बचपन की फुलवारी से अब रिश्ता कहां है,
अब तो सयानों के लिए भविष्य बनाना ही जहां है


न जाने क्यों कुछ लोग बचपनाहट पसंद नहीं कर पाते हैं,
अरे ! यह बचपन के दिन हैं हमेशा थोड़ी ना आते हैं
कुछ दिन सहलो इन्हें, फिर उनके यह लम्हे भी उड़ जाएंगे,
जिंदगी के दाब से वह बच्चे भी एकदिन सिकुड़ जाएंगे

©Thakur Pranjal Singh
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Thakur Pranjal Singh

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