सो जाओ ,
हमे आज जगा के कोई बात नही ।
खो जाओ,
हमे आज भुला के कोई बात नही।
काश की मिले कोई तुम्हे इस भीड़ में अनोखा,
हम रह लेंगे खामोश कोई बात नही।।
कहे ख़ता , माने सजा या कोई भूल थे तुम,
सो जाओ ,
हमे आज जगा के कोई बात नही ।
खो जाओ,
हमे आज भुला के कोई बात नही।
काश की मिले कोई तुम्हे इस भीड़ में अनोखा,
हम रह लेंगे खामोश कोई बात नही।।
कहे ख़ता , माने सजा या कोई भूल थे तुम,
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rishabh singh
कुछ समझा था तुम्हे, जीवन मे कुछ जगह दी थी।
अब समझ मे आया हमने बेवजह दी थी।।