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rajniramdev0384
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Rajni Ramdev

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Rajni Ramdev

घूंघट में चाँद ओढ़ बदली का पट
चाँद कर लेता घूंघट
शर्म की इन्तिहा देखिये
रहता उसी में है लिपट
ग़र हवाएँ उड़ा लेती आँचल
खुद में ही जाता सिमट
कभी करता अठखेलियाँ
बल खाता फिर झटपट
गोरी के मुखड़े को
ज्यूँ चूम लेती बिखरी लट #Ghoonghat
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Rajni Ramdev

मनाओ आज़ादी

मनाओ आज़ादी #कविता

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Rajni Ramdev

समन्दर साहिल,बेंच,मैं और मेरी तन्हाई
सामने बादलों में दिखती तेरी परछाईं
कर लेती हूँ बातें ,यूँही अकेले बैठ यहाँ
दूर हो जाती है कुछ पल को तेरी जुदाई

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Rajni Ramdev

Kashmir पूरे भरत में हुआ,केवल एक विधान
लहराएगा शान से, तिरंगा आसमान
तिरंगा आसमान, धरा होगी कश्मीरी
पायेगा पहचान, नहीं कोई मजबूरी
सत्तर सालों बाद,बदल डाले दिन घूरे
केवल एक विधान, रहे भारत मे पूरे

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Rajni Ramdev

दोस्ती
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दोस्ती का अपना
एक निराला बैंक होता है
जहाँ दिन पर दिन रिश्ता जमा होता है
चक्र-वृद्धि ब्याज सी होती है दोस्ती
एकबार जमा हो गई तो....
ब्याज दर ब्याज बढ़ती ही जाती है
उसका अपना व्यक्तित्व 
अपनी छाप होती है
दोस्तों की जिंदगी 
इक खुली किताब होती है
दोस्ती का अस्तित्व 
 महकती फ़िज़ां होती है
जो हमारी साँसों मे 
खुशबू सी समा जाती है
चाट की दुकान पर 
मीठे पकवान पर
या फिर थियेटर मे 
बैठ संग चटकारे लगाती है
ज़ज़्बा ऐसा 
 कितनी हदें पार कर जाती है
इक दूजे संग दुख सुख मे
 यारी निभाती है
सभी आदतें
अच्छी या बुरी
 इनकी भाती हैं
तभी यारी की पारी 
दूर तलक चली जाती हैं
                       रजनी रामदेव
                         न्यू दिल्ली

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Rajni Ramdev

दोस्त है तू मेरा यार है, तुझ पर ये जान निसार है
तू है तो उजाले हैं जिंदगी में
वरना सामने सिर्फ अंधकार है

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Rajni Ramdev

बचपन और पहला दोस्त 

दोस्ती
एक फलदार वृक्ष 
स्वार्थ से परे
शीतल छाँव सी
ठाँव देती
सुख-दुख की
क्षुधा मिटाती
ऑक्सीजन सी
जीवनदायनी 

सुच्चे मोतियों से भरा
रत्नाकर
स्वर्ण रश्मियों से सुसज्जित
दिवाकर
तारों के थाल में टका
शशिकर
अमृत से परिपूर्ण
सुधाकर
दोस्ती अभिव्यक्तिओं
अनुभूतियों का पर्याय
             रजनी रामदेव
               न्यू दिल्ली

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Rajni Ramdev

तुम संग चलते चलते
पहुँच गई उस पार
कभी लगे ये मंजिल है
कभी लगे मजधार
आकर मेरे जीवन में
हाथ लिए जो थाम
यहीं पे मेरा मक्का है
यहीं पे चारों धाम

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Rajni Ramdev

"रंगमंच के खिलाड़ी", को प्रतिलिपि पर पढ़ें :
https://hindi.pratilipi.com/story/x9knomvhcxxm?utm_source=android&utm_campaign=content_share
भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

"रंगमंच के खिलाड़ी", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/x9knomvhcxxm?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

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Rajni Ramdev

बचपन और लंच ब्रेक टिफिन खोलकर सारे बैठे देख बनाकर घेरा
मेरे टिफिन से ज्यादा बढिया यार टिफिन है तेरा

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