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aditichouhan2122
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Aditi Chouhan

novel writing , create any drama based story ,and love poetry.

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Aditi Chouhan

White छायावादी ब्रह्मा जयशंकर प्रसाद 1889-1937.
*उर्वशी 1909
वनमिलन1909
प्रेम राज्य 1909
अयोध्या का उद्धार 1910
शोकोच्चछवास1910
वभ्रुवाहन1911
कानन कुसुम 1913
*प्रेम पथिक 1913
*महाराणा का महत्व 1914
*चित्राधार 1918
*झरना1918
*आंसू1925
लहर 1933
*कामायनी 1935

©Aditi Chouhan #life_quotes
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Aditi Chouhan

White छायावादी ब्रह्मा जयशंकर प्रसाद 1889-1937.
*उर्वशी 1909
वनमिलन1909
प्रेम राज्य 1909
अयोध्या का उद्धार 1910
शोकोच्चछवास1910
वभ्रुवाहन1911
कानन कुसुम 1913
*प्रेम पथिक 1913
*महाराणा का महत्व 1914
*चित्राधार 1918
*झरना1918
*आंसू1925
लहर 1933
*कामायनी 1935

©Aditi Chouhan #life_quotes
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Aditi Chouhan

Unsplash महादेवी वर्मा 1907-1987
1नीहार।1930
सांध्य गीत 1936
सप्तवर्णा
1960
रश्मि 1932
यामा,1940
प्रथम आयाम
1984

नीरजा,1934
दीपशिखा 1942
अग्निरेखा,1990

©Aditi Chouhan #camping
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Aditi Chouhan

Unsplash कबीर कुंडल
रसिक रहस्य 
कृष्ण शतक
प्रेम प्रपंच 
प्रेमाम्बू वारिधि
प्रेमाब्बू प्रश्रवण
प्रेमाम्बू प्रवाह
प्रेम पुष्पोहार
प्रियप्रवास (प्रबंधकाव्य)
17सर्ग...काव्योपवन1909
ऋतुमुकुर1917
पद्य प्रमोद1920
चुभते चौपदे1924
पद्म प्रसून1925
उपहार 1928
बोलचाल 1928
रसकलश1931
पारिजात 1940

15सर्ग
चोखे चोपदे
1932
फूल पत्ते 
कल्पलता1938
ग्रामगीत1938
मर्मस्पर्श 1944
दिव्य दोहावली1946
हरिऔध सतस ई

वैदेही वनवास 1940
18सर्ग

अयोध्या सिंह उपाध्याय 1865--1947..

©Aditi Chouhan #library
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Aditi Chouhan

White तमन्नाओं की धूप!! 
तपिश इक रंज !
गमो़ं की फेहरिस्त 
किसको खंगालें हम ;
पांव के छालों को सड़क पर पड़े शूलों को ;
या दिल पे पड़े छालों का ,जो रिश्तों ने घाव दिये 
उन शिकवों का जो गिले 
न कह पाई मलाल उन लम्हों का 
जो सच कहने पर रिश्ते बिखेर देते है़ 
या गवाह उन पलों का जो 
पहचान अपनों या परायों की करा देते हैं 
रंज उनके जो मग्रुयियत के नकाब खोल देते हैं !!
जिरह उनकी जो मन पर पड़ी 
गांठ उन बातों की जो मन से जुड़ी 
हक़ीक़त दर हक़ीक़त 
सही या गलत 
रंज है या गम़
सायों में धूप है 
या धूप में हम हैं 
ऐसे में तमन्नाओं की बारिष खुली छत 
और इक दूजे के स़ंग
जिरह बख्तर खोलती सांसों की डोर 
और सिसक पड़े हम !!!!!

©Aditi Chouhan #sad_quotes
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Aditi Chouhan

White मेहनती सदस्य तेजपत्ता की तरह होता है
स्वाद बढ़ाने के लिए उसे शुरू

 में गर्म तेल में छौंका जाता है 
अंत तक वो सब्जी बनते
 तक रहता है ,खाने के
 समय उसे खींचकर बाहर कर दिया जाता है,
क्रेडिट बटोरने वाला और सफल आदमी "हरा धनिया" की तरह  होता है अंतिम में 
पड़ता है सारे स्वाद का
 क्रेडिट लेकर हजम हो जाता 
है ,जबकि उसे सब्जी बनने 
से लेकर पकने तक का हाल 
मालूम नहीं होता ,फिर भी
 दुनिया क्रेडिट मेहनत करनेवाले
 को नहीं उपरझापड़ करनेवाले को देती है ।सत्य है ।

©Aditi Chouhan #love_shayari
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Aditi Chouhan

White खुला आसमान,चुभता अरमानों का अवसान 
विरासत में पाये शोहदों का 
बिखरता अरमान 
बिना परिश्रम के हो नहीं सकती ,
मानवता से पहचान 
राजनेता हो या इंसान 
समदर्शिता से जबतक न हो पहचान 
पाना मुश्किल है हर वो मुकाम 
जहां मद मत्सर और बसता है अभिमान 
वहां विफलता सहचरी बनकर 
मचाती है तूफान ।

©Aditi Chouhan #sad_quotes
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Aditi Chouhan

White व्यथा का शोरगुल; 
मन में मचता घमासान !
जैसे हो खुद से ही संग्राम
उथल पुथलसी जिन्दगी
धैर्य की हो रही पहचान 
परेशान आदमी और औरत का मन हो रहा चट्टान।
नवग्रहों की आंखमिचोली 
क्रूरता की सीमाएं पार करती 
मगर सच कहूं तो 
हूं ,हैरान !! ग्रहों का परिसीमन और अवसान
तोड़ न पाया है मेरे विश्वास का अभिराम!

©Aditi Chouhan #GoodMorning
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Aditi Chouhan

White ख्वाहिशों का फलक दूर है 
मन में बसनेवाले राधा माधव 
की तस्वीर मुखर है
बस मेरा अंतर्मन चुप है ।

©Aditi Chouhan #love_shayari
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Aditi Chouhan

White ये शाम की सिन्दूरी प्रभा है 
या भोर का ऊषा अभिनंदन 
प्रकृति का कर रहा आलिंगन 
चंद्र धूमिल हो रहा 
किरणों के घूंघट रश्मियों से 
ऋ्त्विजा ऊठ रही है 
उर्विजा के निमंत्रण से 
अभिनंदन है वंदन है 
हे रघुनंदन तुम्हें  समर्पित,अर्पित 
अक्षत चन्दन और श्रीफल से अतिरंजित थाल
सत्य सनातन सुन्दर तिलक 
से करती हूं तुम्हारा शृंगार 
है मेरा तुझसे अभिसार 
जग ,छोड़ मैं हुई निस्सार
मोह और माया की यायावरी 
से जागी मै़ विगत विभावरी 
हे राम मेरे घनश्याम मेरे 
शिव में भी तू दिखे 
कृष्ण में भी तू दिखे 
अचरज तो तब भये 
जब राधा में भी तू ही दिखे 
चैतन्य , परात्परा,चिदानंद
जाग जरा सर्वेश्वरी 
चितवन खोल ,देख मुझे 
हे रम्या राधिका मेरी 
चरणों में तेरी ,साधिका खड़ी 
ले न अब और परीक्षा मेरी 
विगत विभावरी से जाग रही 
उनींदी अंखियों में स्वप्न कयी
कर दे सपने साकार मेरी 
चरणों की रज पा सकूं 
इक बार तो तेरे नयनों में 
कृष्णा के दर्शन प्राप्त  कर सकूं।

©Aditi Chouhan #love_shayari
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