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rahulbhaskare2507
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Rahul Bhaskare

Write a Heart♥Voice 🌺🌹🌸🌼🍁🍂🍃🌷🌸 मेरी अधुरी दास्ता, जो कभी ना हुई मुकमबल .... **** **** Electrical 💡engineer 🔭🔌🔋📚📙📘📑 I Love india & indian army DReaM - आसमा छुना है......... 😍😍😍😍😍😍 पहचान इतनी है मेरी, की बस मैं एक हिंदुस्तानी हूं........ 😍😍😍😍😍😍😍😍 Facebook 👇 https://m.facebook.com/rahul.bhaskare.3?ref=bookmarks 😌😌😌😌😌😌😌😌 https://www.instagram.com/rahul_bhaskare/

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Rahul Bhaskare

प्रेम करना,
प्रेम का निर्वाह करना,
सत्य के मार्ग पर चलना,
कर्तव्य का पालन करना,
सपनों को 
वास्तविकता में बदलना,
प्रतिदिन मृत्यु से लड़ना,
जीवन के सबसे दुष्कर कार्य,
परंतु,
"पेट भरना"
संसार का 
सबसे दुष्कर कार्य है।
___________________
© राहुल भास्करे (अनपढ़)

16 Love

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Rahul Bhaskare

नभ से पंछी देखते,सब मानुष  है कैद।
आखिर ये कैसे भयो,पंछी खोजें भेद।।

© राहुल भास्करे नभ से पंछी देखते,सब मानुष  है कैद।
आखिर ये कैसे भयो,पंछी खोजें भेद।।

© राहुल भास्करे
#dhohe #rahulkedohe
#nojoto #hindi #love
#coronavirus
#life #bird

नभ से पंछी देखते,सब मानुष है कैद। आखिर ये कैसे भयो,पंछी खोजें भेद।। © राहुल भास्करे #dhohe #rahulkedohe nojoto #Hindi #Love #coronavirus #Life #Bird #विचार

18 Love

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Rahul Bhaskare

मैं इन आंखों  में आब लिए घूमता हू।
दिल में दर्द का सैलाब लिए घूमता हू।
होश  में रहूं तो कहीं इश्क ना हो जाए,
सो अब जेब में शराब लिए  घूमता हू।

© राहुल भास्करे मैं इन आंखों  में आब लिए घूमता हू।
दिल में दर्द का सैलाब लिए घूमता हू।
होश में रहूं तो कहीं इश्क ना हो जाए,
सो अब जेब में  शराब लिए घूमता हू।

© राहुल भास्करे

मैं इन आंखों में आब लिए घूमता हू। दिल में दर्द का सैलाब लिए घूमता हू। होश में रहूं तो कहीं इश्क ना हो जाए, सो अब जेब में शराब लिए घूमता हू। © राहुल भास्करे #शायरी

22 Love

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Rahul Bhaskare

नफ़रत की दीवार,
कितनी भी मजबूत क्यो ना हो,
यदि उस पर,
प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए।
तो उसकी जड़ें,
दीवार को गिरा देती हैं।

© राहुल भास्करे नफ़रत की दीवार,
कितनी भी मजबूत क्यो ना हो,
यदि उस पर,
प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए।
तो उसकी जड़ें,
दीवार को गिरा देती हैं।

© राहुल भास्करे

नफ़रत की दीवार, कितनी भी मजबूत क्यो ना हो, यदि उस पर, प्रेम का वृक्ष लगा दिया जाए। तो उसकी जड़ें, दीवार को गिरा देती हैं। © राहुल भास्करे #Love #Trending #Hindi #Shayari #विचार #rahulbhaskare

15 Love

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Rahul Bhaskare

ये खुद ही, खुद से ही, कितना दूर है।
जरा देखो आदमी कितना मजबूर है।
खुद पिंजरा बनाया,खुद ही कैद हुआ,
और अब कहता,खुद का ही कसूर है।

© राहुल भास्करे ये खुद ही, खुद से ही, कितना दूर है।
जरा देखो आदमी कितना मजबूर है।
खुद पिंजरा बनाया,खुद ही कैद हुआ,
और अब कहता,खुद का ही कसूर है।

© राहुल भास्करे

#corona #nojoto

ये खुद ही, खुद से ही, कितना दूर है। जरा देखो आदमी कितना मजबूर है। खुद पिंजरा बनाया,खुद ही कैद हुआ, और अब कहता,खुद का ही कसूर है। © राहुल भास्करे #corona nojoto #Nature #Love #Earth #Hindi #शायरी #rahulbhaskare #coronavirus

24 Love

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Rahul Bhaskare

जानवरों ने जानवरों को,
कैद करने के लिए,
पिंजरे ईजाद किए।

फिर जानवरों ने मिलकर,
सभी जानवरों को कैद कर दिया।

जो कैद हैं,
वो जानवर है।

और जो कैद नहीं है,
फिर वो कौन है ?

तुम्हें जवाब चाहिए ?

खिड़की से,
बाहर देखो...

© राहुल भास्करे

17 Love

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Rahul Bhaskare

( तस्वीर/पेंटिंग)

कैनवास को,
ब्रशो से जोतकर,
उस पर प्रेम,वेदना,
वात्सल्य,विरह,जैसे,
अनगिनत रंगों को बोया जाता है।

उसमें “ध्यान” और “संयम” का
खाद डाल कर,
उसे “धैर्य” से सींचा जाता है।

तब जाकर,
कल्पनाओं के बीजावरण में,
मनोभाव को लिए,
कैनवास पर,
एक फसल लहराती है।

और यह फसल,
परिपक्व होने पर कहलाती है,
“तस्वीर"

© राहुल भास्करे ( तस्वीर/पेंटिंग)

कैनवास को,
ब्रशो से जोतकर,
उस पर प्रेम,वेदना,
वात्सल्य,विरह,जैसे,
अनगिनत रंगों को बोया जाता है।

( तस्वीर/पेंटिंग) कैनवास को, ब्रशो से जोतकर, उस पर प्रेम,वेदना, वात्सल्य,विरह,जैसे, अनगिनत रंगों को बोया जाता है। #Trending #Hindi #poem #Shayari #kavita #कविता #openmice #rahulbhaskare #coronavirus

30 Love

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Rahul Bhaskare

जिनसे हमें खतरा हो,
उन्हें नजरबंद कर देना चाहिए।
यह मानव ने ही सिखाया है,
प्रकृति को......।

© राहुल भास्करे जिनसे हमें खतरा हो,
उन्हें नजरबंद कर देना चाहिए।
यह मानव ने ही सिखाया है,
प्रकृति को......।

© राहुल भास्करे

#rahulbhaskare

जिनसे हमें खतरा हो, उन्हें नजरबंद कर देना चाहिए। यह मानव ने ही सिखाया है, प्रकृति को......। © राहुल भास्करे #rahulbhaskare #Nature #Love #Dard #शायरी #Safe #coronavirus

15 Love

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Rahul Bhaskare

तस्वीरें

एक वीरान मकान सा मैं,
हवा से बहते लम्हों को,
कैद करने की ,
मशक़्क़त करते रहता हूं।

कुछ लम्हों को कैद करके,
संदूक में भी रख देता हूं।
फिर भी पता नहीं,
वो कैसे आजाद हो जाते हैं,

मैं उन्हें टटोलता भी हूं,
फिर भी वो लम्हे नहीं मिलते।

ख़ैर छोड़ो,
इन्हें कोई कैद नहीं कर सकता।

पर मैं, कोशिश तो,
कर ही सकता हूं।

© राहुल भास्करे तस्वीरें

एक वीरान मकान सा मैं,
हवा से बहते लम्हों को,
कैद करने की 
मशक़्क़त करते रहता हूं।

कुछ लम्हों को कैद करके,

तस्वीरें एक वीरान मकान सा मैं, हवा से बहते लम्हों को, कैद करने की मशक़्क़त करते रहता हूं। कुछ लम्हों को कैद करके, #Love #Photo #Hindi #Dard #अनुभव #rahulbhaskare #coronaviruse

15 Love

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Rahul Bhaskare

कल जब,
मेरे पैर उग रहे थे,
पूरी तरह उगे भी नहीं थे,
फिर भी मैं बिना थके,
दूर तक चल लिया करता था।

और आज जब,
मेरे पैर उग चुके हैं,
साथ ही, हाथ से एक,
तीसरा पैर भी उग आया है।

फिर भी मैं,
पास तक नहीं चल पाता,
पता है क्यों?
क्योंकि......

कल मैं बेटा था,
और आज मेरे बेटे हैं।

©राहुल भास्करे कल जब,
मेरे पैर उग रहे थे,
पूरी तरह उगे भी नहीं थे,
फिर भी मैं बिना थके,
दूर तक चल लिया करता था।

और आज जब,
मेरे पैर उग चुके हैं,

कल जब, मेरे पैर उग रहे थे, पूरी तरह उगे भी नहीं थे, फिर भी मैं बिना थके, दूर तक चल लिया करता था। और आज जब, मेरे पैर उग चुके हैं, #Hindi #poem #nazm #rahulbhaskare

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