ऐसे पीछे पलट कर न देखा करो।
देखकर यूं मुझे न अनदेखा करो।
Devendra Kumar
काहे
Devendra Kumar
दरिया गहरी है कितनी उतर करके देखो।
वो खूबसूरत है कितनी नजर करके देखो।
Devendra Kumar
+91 94505 74941
Devendra Kumar
हिंद में हिंदी भाषा का करने उत्थान हेतु।
हिंदी में हिंदी भाषा प्रयोग होनी चाहिए।
बड़े बड़े कवियों ने दिया योगदान सारा।
अपना भी थोड़ा योगदान होना चाहिए।
Devendra Kumar
रंजो गम का जहर पिला दे मुझे।
कोई हो बदुआ तो दिला दे मुझे।
इससे पहले कि मुझे गुरूर आए,
ऐ खुदा तू ख़ाक में मिला दें मुझे।
Devendra Kumar
इसरो सदा रहेगा तुमको नमन।
तुम्हारे साथ खड़ा है अपना वतन।
सम्पर्क टूटा है खाली, न हौसला।
फिर खिलेगा चांद पे अपना चमन।
Devendra Kumar
इक जमाना हुआ चाय छोड़े मुझे,
पर तेरे लिए कैंटीन आ ही जता हूं।
वो लहराता तेरे बदन पे सफेद दुपट्टा।
कमबख्त देखने को आ ही जाता हूं।