Nojoto: Largest Storytelling Platform
sanjanapndey8223
  • 45Stories
  • 159Followers
  • 1.1KLove
    13.9KViews

shalini jha

  • Popular
  • Latest
  • Video
262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

दुःख ही में जन्म ली 
दुःख ही बाराती
दुःख ही के संग ब्याही गई 
दुःख ही संग साथी

©shalini jha 
  #Tulips दुःख में ही जन्म ली 
दुःख ही बाराती
दुःख ही के संग ब्याही गई 
दुःख ही संग साथी

#Tulips दुःख में ही जन्म ली दुःख ही बाराती दुःख ही के संग ब्याही गई दुःख ही संग साथी #SAD

306 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

सुख संसाधनों के बीच 
अशांत मन  में दुःख ढोने से अच्छा है
शांत मन से मिल बांटकर दुःख में जीना !

©shalini jha 
  #LongRoad

387 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

Shree Ram हृदय का नाद बनता 
मन से मन का 
हो रहा ऐसा मिलन है 
दोपहर की धूप में अब 
जगमगाता सा चमन है 
गूंजित हैं अब दिगदिगंत 
प्रभु श्री राम का यह  आगमन है 

साज धरती का 
सजीलापन गगन का 
फूल कलियों की सुरभि से 
महका हुआ बहता पवन है ।
क्लांत और एकांत ध्वनि स्पंदित  दिशाएँ 
राम धुन में रम रहा अब प्राण मन है ।

©shalini jha 
  #shreeram
262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

समय का चक्र कुचक्र 
क्षण प्रतिक्षण सुई की नोक पर 
चलता रहता है।
यह किसकी ओर इंगित है और 
इसके भंवर में कब कौन फंसे
 यह कोई नहीं जानता .....

©shalini jha 
  #GateLight समय का चक्र कुचक्र 
क्षण प्रतिक्षण सुई की नोक पर 
चलता रहता है।
यह किसकी ओर इंगित है और 
इसके भंवर में कब कौन फंसे
 यह कोई नहीं जानता .....

#GateLight समय का चक्र कुचक्र क्षण प्रतिक्षण सुई की नोक पर चलता रहता है। यह किसकी ओर इंगित है और इसके भंवर में कब कौन फंसे यह कोई नहीं जानता ..... #Life

189 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

घर तो अपना ही था 
अपनों का सिलसिला 
कोई कहीं शिकवा लिए 
कोई लिए गिला 
धूप छाँव में रही 
आसमान ए ज़िन्दगी 
न पंख ही मिला
 न परवाज़ ही मिला

©shalini jha 
  #sadak घर तो अपना ही था 
अपनों का सिलसिला 
कोई कहीं शिकवा लिए 
कोई लिए गिला 
धूप छाँव में रही 
आसमान ए ज़िन्दगी 
न पंख ही मिला
 न परवाज़ ही मिला

#sadak घर तो अपना ही था अपनों का सिलसिला कोई कहीं शिकवा लिए कोई लिए गिला धूप छाँव में रही आसमान ए ज़िन्दगी न पंख ही मिला न परवाज़ ही मिला #Life

153 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

मैं मुस्कान हृदय तान 
बहूँ जीवन बन धारा 
शब्द शब्द भरूँ प्राण 
बजूँ बाँसी इकतारा 

सपनों की डोली 
एषणाओं की झोली 
बन अश्रु बहूँ धार 
व्यथा वेदना किनारा 

शिखा सौरभ बासंती 
कंठ कोकिल लाजवंती 
वन पलाश लगूँ आग 
मन मधुवन आवारा ..

©shalini jha 
  #Mulaayam
262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

लौटा लाती है संभावना 
जीवटता में लिपटे
 झंझावातों से लड़ बिखरे टूटे  
पंखों के बीच बचे खुचे 
पंखों में उड़ने का आत्मबल
 लौटा लाता है  
समय दुःख के  बाद 
सुःख की परिमल छटा 
, लौटा लाती है प्रकृति 
शुष्कत्ता की हरीतिमा ,
 बसंत का पीतांबरी  रंग 
जाने क्यों नहीं लौटता कभी कभी
बीते क्षण के पन्रों  पर लिखा गया
अलभ्य  सुनहरा शब्द  ,
 अक्षर अक्षर डोलती नदी 
बहती है भावनात्मक  बहाव  में बेकूल
   जाने क्यों नहीं लौटता
 मन भीतर अंकुरित वो  पहला सा उमंग ...

©shalini jha 
  #Chhuan

817 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

https://youtu.be/TPswIbi_c3o
pl like and subscribe

©shalini jha 
  #phool

682 Views

262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

 पराकाष्ठा के पंख लगा फड़फड़ाता हुआ 
अति अपना अंत स्वयं  ही ढूंढ लेता है

©shalini jha 
  #TechnologyDay
262e9df33544296c3b826fc521b25d6e

shalini jha

समय के परिवर्तन पर 
नाचती प्रकृति 
मन के असंख्य भावों की
 अनुगामिनी परिर्वतन के
 नियमों  का अनुपालन करने को 
  बाध्य , नेह की साधना में लीन
 करती है कठोर तप ,
 जीवन के वरण को ,
झड़ते तरू पात की वेदना में 
भी संजोए रहती है  
 नव पल्लव  के आगमन की आस  
भेजती है मेघों को आमंत्रण
 सह लेती है समय का अट्टाहास 
निरवता में निहारती 
आमावस से पूर्णिमा 
तक की सोलह ललित कलाओं 
में चाँद की परिणति 
और शीतल ओस की बूँदों में 
नहा लेती बन  पूनम की रात 
जब भीगे भीगे आँचल में
समेटती है  बसुधा ,बसंत का  बयार 
संग नाचते  झूमते हैं पुनः पुनः  तरु पात .

©shalini jha 
  #desert

874 Views

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile