Nojoto: Largest Storytelling Platform
saurabhmathur4054
  • 7Stories
  • 7Followers
  • 41Love
    115Views

Saurabh Mathur

  • Popular
  • Latest
  • Video
26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

Prem se Hasya....

Prem se Hasya....

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

My poem dedicated to Pulwama and Uri martyrs...

My poem dedicated to Pulwama and Uri martyrs... #nojotovideo

26b12c18bb4047eac60f68bd176fa13a

Saurabh Mathur

आज दरिंदगी के समक्ष इंसानियत फिर शर्मसार हुई है
माँ सीता की धरती पर फिर निर्भया लाचार हुई है,
खूनी पोशाकों से निकलती चीखें यूँ ही दफ़न हो जायेंगी
ए निर्मम, पत्थर दिल समाज तुझे लज्जा कब आयेगी!
दुर्गा को माँ कहने वालों तुमसे सवाल यह करता हूँ 
सिर्फ नारी होने की सज़ा कब तक माँ बहनें पायेंगी?
फिर चंद वहशियों द्वारा एक बेटी शिकार हुई है,
माँ सीता की धरती पर फिर निर्भया लाचार हुई है।

ओछी राजनीति ने अपना व्यापार यहाँ भी खोला है,
गंगा जमुनी के दुश्मनों ने ज़हर यहाँ भी घोला है,
उन चीखों का, उन आँसुओं का क्या धर्म बता पाओगे तुम,
जिसने समाज की दुर्बलता पर करारा हमला बोला है
दुकानदारों ने दुकानें खोली, जनता फिर खरीदार हुई है,
माँ सीता की धरती पर फिर निर्भया लाचार हुई है।

उस नन्ही गुड़िया को लेकर, कितने सपने संजोये होंगे,
उस परी के घर आने पर, माँ बाप खुशी से रोए होंगे,
उस बर्बर रात का हिसाब इस समाज को देना होगा,
जिसमें सिसकती आँखों ने अनगिनत रूमाल भिगोये होंगे,
पत्थर दिल, पत्थर समाज, पत्थर ये सरकार हुई है,
माँ सीता की धरती पर फिर निर्भया लाचार हुई है।
          - सौरभ माथुर


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile