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shwetanigam8254
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Shweta Nigam

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Shweta Nigam

🙏

🙏 #Videos

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Shweta Nigam

💞

💞 #Videos

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Shweta Nigam

कहां तक किस पर विश्वास करूं 
जब अपने बदल जाएं 
तो अपना दुःख किससे बयां करूं।।

©Shweta Nigam ☺️
#Thoughts

☺️ #Thoughts

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Shweta Nigam

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊंगी;
तेरा वादा तो नहीं जो बदल जाऊंगी;
मुझको समझाओ न मेरी ज़िंदगी के असूल;
एक दिन मैं खुद ही ढोकर खाकर संभल जाऊंगी।।

©Shweta Nigam मैं संभल जाऊंगी।।

#together

मैं संभल जाऊंगी।। #together #Thoughts

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Shweta Nigam

My New Poem...🤗👍

जब तक है दहेज़ चलन,
तब तक है, हर एक पिता कर्जदार....

हां लेलो दहेज़ कोई बात नहीं...
   लेकिन समझो दहेज़ लेने वालों तुम्हारी कोई औकात नहीं।।

क्या किसी की बेटी थी अनमोल नहीं?
या तुम्हारी फरमाइशों को था कुछ प्राप्त नहीं।।
  
दहेज़ की मांग करने वालों,
कभी तुम भी तो दहेज़ देकर तो देखो...
क्या पता किसी की बेटी को बिना दहेज़ अपनालो।।

पिता ने दिया बेटी के रूप मेंअपने प्राण...
फिर भी पूछा क्या लाई दहेज़ में दान।।

बेटी को झुलसा फेका दहेज़ की आग में,
अरे! क्यों ना दहेज़ प्रथा को आग लगा फेंको।।

दहेज़ के पैसों से धौंस दिखाओगे ....
तो क्या इससे अपनी शान बढ़ा पाओगे?

 पिता की बेटी भी चली गई और ज़मीन भी...
फिर भी लालच ना कम हो पाया।।

इस दहेज़ की लोभ में कितने पिता को किया कर्जदार...
फिर भी बेटियों की ले ली गई जान।।

ना जाने ये दहेज़ कितनी बेटियों को खा गई...
एक पिता को बेटी जनने का दुःख जता गई।।

पैसों से नहीं साक्षात लक्ष्मी का स्वागत करो...
हर एक बिना दहेज़ की शादियों को समाज से अवगत करो।।

                        _श्वेता निगम।।

©Shweta Nigam My New Poem

#ZulmKabTak

My New Poem #ZulmKabTak #Poetry

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Shweta Nigam

बचपन के दिन थे, आज़ाद कुछ हम थे।

मां की डांट थी तो, वहीं पापा का प्यार था।

ना बंधे थे किसी पिंजरे में,
ना था कोई असमंजस,
बस खुला आसमान और खेलने को दिल बेकरार था,

बचपन की बस्ती थी, अपनों का प्यार
मुट्ठी भर खुशी में बीता पूरा
भाई बहन का प्यार,

ना करे कोई मेरा या तेरा, 
मिल बांट कर खेलें ऐसा खिलौनों से भरा संसार था।

ना किसी से बैर था ना कोई पराया
चल चलें खेलें ऐसे सबसे रिश्ता निभाना था।

क्यूं बीत गया वो बचपन हमारा,
सबसे अच्छा तो बचपन का जमाना था।

खुशी का ना कोई ठौड़ था
बस हंसना और हंसाना था,
एक बचपन का दौड़ था,
जिसमें खुशी का खजाना था।।

   :-Shweta Nigam

©Shweta Nigam Poetry By:-Shweta Nigam ❣️

Poetry By:-Shweta Nigam ❣️

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Shweta Nigam

एक शोर है मुझमें,
जो खामोश बहुत है।।
🤟



श्वेता निगम।।

©Shweta Nigam #WalkingInWoods
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Shweta Nigam

कमियां ढूंढेंगे लोग तो मिल ही जाएगी जनाब,
 रब की बंदी हूं,
  कोई रब नहीं।।

©Shweta Nigam #Wish

Wish #Wish

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Shweta Nigam

उन पक्षियों को कैद में रखना आदत नहीं हमारी जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरों के साथ उड़ने का शौक रखते हों।।

©Shweta Nigam #coldnights
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Shweta Nigam

#myvoice
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