Nojoto: Largest Storytelling Platform
smritiakumar2421
  • 151Stories
  • 87Followers
  • 1.4KLove
    2.6LacViews

smriti .A.kumar

writter poetess singer dancer

  • Popular
  • Latest
  • Video
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

अदब से पेश जो आए,बड़े कमजोर समझें ग‌ए।
 अदब से पेश क्यों आएं,इसी मलाल में हैं हम।।

©smriti .A.kumar
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

कभी समझ लिया करो मेरी उदासी को भी

  हर बार बयां करूं ज़रूरी है क्या?


स्मृति ए कुमार ❤️

©smriti .A.kumar #betrayal
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

अलहदा सा रंग मेरे इश्क का,  जबसे चढ़ा है
हम उसी के हो चुके हैं।
 
स्मृति ए कुमार ❤️

©smriti .A.kumar #shaadi
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

मेरी मुहोब्बत का असर 
उसपे कुछ इस तरह है की 
,वो मेरे साथ नही है ,फिर भी मेरा हैं। 

@स्मृति ए कुमार #CloudyNight
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

न शौक  ख्वाहिशों का हैं
न कोई अरमान चाहिए।
है काफी नाम ही मेरा ,
न कोई पहचान चाहिए।
करू बेईमानीया तो,नजर झुक जाएगी मेरी,
खुदा की रौशनी में हुँ मुझे ईमान चाहिए।

®®स्मृति ए कुमार®® #Dhanteras
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

काश रिश्ते भी  ईयर फोन की तरह होते उलझने पर सुलझा लेते ।
         
स्मृति #HBDShastriJi
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

"रिश्ते"

औकात का पलड़ा भारी है
 रिश्ते, रिश्तो से हारी है
अपनों से बैर ,गैरों से लगाव क्यों ?
आजकल के रिश्तो में मनमुटाव क्यों?

जिंदगी की भाग दौड़ में, न मिलने की फुर्सत रही
 बहाने ही बहाने बस,  असल में मोहब्बत ना रही
  प्यार ने धर लिया, अब  रूप  अहंकार का
बिखर गया अपनापन अब कोई सजाबट ना रही
    पास होकर भी दिलो में,  दुरीं का एहसास क्यों?
     आजकल के रिश्तों में मनमूटाव क्यों?

वक्त नहीं हैं" आज ,रिश्तो का तकिया कलाम है 
   नजदिकयों से भय  इसलिए ,दूर से ही सलाम हैं
सोशल मीडिया पर भले ही हजारो दोस्त बना लेते हैं
   पर मुसीबतों में अपने ही अपनो के काम आते हैं।
    रिश्तो को रिश्तो से जाने मोलभाव क्यों?
    आजकल के रिश्तों में मनमूटाव क्यों?

स्मृति ए कुमार #dawn
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

दिलों में नफरत का मकान बना लेते हैं
 बेचने रिश्तो को ,औकात की दुकान लगा लेते हैं
मतलबी हैं जमीर जिनकी जरूरत में काम आए गर,
बडी़ शराफत से  फिर यारों अहसान  गिना देते हैं।
S.A.K #spark
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

दिलों में नफरत का मकान बना बैठे लोग
 बेचने रिश्तो को ,औकात की दुकान लगा बैठे लोग
मतलबी हैं जमीर जिनकी जरूरत में काम आए गर,
बडी़ शराफत से  फिर यारों अहसान  गिना बैठे लोग।
S.A.K #dawn
2c9dd45871b9eeaf37a9c257fa763333

smriti .A.kumar

हम वो नहीं जो,,
सुर्ख़ियों के लिए अखबार से  गुजारिश करें
 हम वो हैं जिसकी चांद भी ख्वाहिश करें।

S.A.k #RaysOfHope
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile