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"अवयव" की कलम से

"भाव ही कलम की आत्मा है"

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"अवयव" की कलम से

जिंदगी तू सबको आज़माती क्यों है ??
कभी खुद भी ज़रा इम्तिहानों के दौर से गुज़र कर तो देख #International_Ask_A_Question_Day
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"अवयव" की कलम से

मीठा नमन 
कविता में लेखक की रूह बसती है और ये उतनी ही जरूरी है , जैसे दिल के लिए धड़कन #World_Poetry_Day
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"अवयव" की कलम से

अब चाहतों को हौंसला दे
नफरत की आग बुझा दे
चलो इस  'उम्मीद" से हम
भावों को अब नई परवाज  दे

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"अवयव" की कलम से

नैनो ने जो बुने ख़्वाब 
यादों की दस्तक से टूट गए
अश्क़ झरते रहे शब भर
हम जीते रहे मरते रहे
इश्क़ की मेहरबानी क्या हुई
ग़म की तपन में ढलते रहे #तुम#रहे#बेखबर
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"अवयव" की कलम से

हँसती आँखों में झांककर देखो 
कोई आँसू छुपा है कहीं
मुस्कुराते हुए लबों के पीछे 
दर्द होते है बयाँ कई
बेगुनाह हो कर भी सजा पाए
तो मासूम दिल में खंजर चुभते है कई
ज़रा वक़्त मिले तो सोचना 
विश्वास जो तोड़ा है तुमने 
उस दर्पण के टुकडों ने 
घाव किये है कई

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"अवयव" की कलम से

उसका मन बहुत बेचैन था फिर उसने यादों के पन्नों से सुकूँ का एहसास चुरा लिया #बेचैन#मन
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"अवयव" की कलम से

पहली मुलाक़ात का असर 
वैसा ही होता है जैसे पहली बारिश की 
अलसाई खोई खोई बूंदे धरा की आगोश में समाए जैसे #पहली#मुलाकात#का#असर
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"अवयव" की कलम से

उस एक लम्हे में ऐसा लगा की मैं हार कर भी जीत गया 
साथ बिताए लम्हों का दामन छोड़ कर 
अपने किये वादों को तोड़कर 
और जा रहे थे जब मुझे  नम आँखों से छोड़कर
उस एक लम्हे में ऐसा लगा कि मैं हार कर
भी जीत गया #हार#के #भी#जीत#गई
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"अवयव" की कलम से

आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और देखा कि एक उजली किरण हमारी मंजिल का पता लिए खड़ी थी #Andhera_sunsan_rasta
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"अवयव" की कलम से

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा उसकी यादों को रूठ कर जाते देखा
अपनी इश्क़ की इमारत को ढहते देखा 
गुमसुम है हम क्योंकि आज फिर 
तन्हाइयों का कारवां देखा #आज#भी#सिर्फ#तुम
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