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shwetasinha8384
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Shweta Sinha

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Shweta Sinha

यम का दूत है ये कोरोना साया
कांटों का मुकुट है सिर पर भाया
मानव शरीर की करता है सवारी
जन समूह है इसको प्यारा  |

बच्चे हों या कोई बुजुर्ग या जवान
ये सबकी लेता है संज्ञान
न गरीब से इसको लेना देना
न बचा इससे कोई धनवान |

हिंदू हो या मुस्लिम भाई
सिख हो या कोई ईसाई
कोई न है इसका सगा 
एक समान ही सबको ये देता है दगा |

घर से बाहर निकलते ही
कर देता है ये प्रहार
हाथ मिलाने पर न चूके 
इसका कोई भी तीखा वार |

यत्र तत्र  तुम जो घुमोगे
कोरोना को तुम ललकारोगे
संक्रमित होकर बिस्तर पर आ जाओगे
घर परिवार सबको बिसराओगे |

घर पर ही सब  करो आराम
परिवार पर दो  पूरा ध्यान
जबतक बहुत जरूरी न हो
घर से न करो प्रस्थान |

हाथ बराबर से धोओ
करके पानी और साबुन का मिलान
कोरोना तुमसे दूर रहेगा
छिकते वक्त मुह पर रूमाल रखने का करो गुमान |

ये बूरा वक्त  बहुत कुछ सिखाने है आया
भाग दौड़ की जिंदगी में एक ठहराव है लाया
जो सुकून का पल तुमने है हर पल चाहा
वो है इस महामारी से बचने का मुल सहारा |


जरा सुकून भरी सांसे तुम ले लो
बच्चों संग तुम भी बच्चे हो लो 
बजुर्गों की करो तुम सेवा
तुम्हे मिलेगा आर्शीवाद का मेवा |

धन्यवाद # कोरोना

# कोरोना #कविता

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Shweta Sinha

मुझे प्रतिलिपि पर फॉलो करें : https://hindi.pratilipi.com/user/x5uk48i9g6?utm_source=android&utm_campaign=myprofile_share भारतीय भाषाओँ में अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और दोस्तों से साझा करें, पूर्णत: नि:शुल्क

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Shweta Sinha

"तलाश", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/series/4abgfgmgtavj?utm_source=android&utm_campaign=content_series_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

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Shweta Sinha

राम जग के पालनहारा
पुरुषोत्ताम नाम तिहारा है
जग में लिया जन्म
हर सुख बिसराया है।
रावण का वध नही किया
उसके अहँकार को मारा है
झूठे बैर सबरी के है इनको प्यारा है।
सुगृहवी को मित्र बनाया
बाली को परलोक सिधार है
भीभीषण ने भक्ति से इनको अपनर संग पाया है।
वीर हनुमान है जिनके अनुयायी
वो नाम तिहारा है
जग के सवामी 
तुमने हमें सवार है।
विशाल समुन्द्र पर पल बनाया
ऐसा  दो अक्षर का नाम है
पत्थर तेरे पानी में
देखगे गगन विशाल है।

अहिल्या को दे मुक्ति
उनको आपने सवारा है
है विनती है जगत पिता
भक्तन की चूक को कर देना माफ 
और कृपा रखना आपार
ये जग तेरे ही सहारे है। जय श्री राम

जय श्री राम

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Shweta Sinha

सच्ची कहानी पर आधारति होली की अगली सुबह।पूरा मोहल्ला थक कर अपने अपने घरों में सोए हुए है। सुबह के 8 बज रहे थे तब भी पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था।मैं भी अपने बिस्तर पर लेटे अपने स्मार्ट फ़ोन पर गेम का आनंद ले रही थी।तभी मेरे आंगन से मुझे बिल्लियों के लड़ने की आवाज़ आई।रोज़ की घटना समझकर मैंने नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने गेम के अगले पड़ाव में मॉघुल हो गई।मेरे घर के आंगन में एक कुआँ है ।अचानक से उसमे कुछ भरो चीज़ गिरने की आवाज़ आई।मुझे शंका हुई कि जरूर बिल्ली ही गिरी होगी।मैंने तुरंत आने बड़े भाई और म

सच्ची कहानी पर आधारति होली की अगली सुबह।पूरा मोहल्ला थक कर अपने अपने घरों में सोए हुए है। सुबह के 8 बज रहे थे तब भी पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था।मैं भी अपने बिस्तर पर लेटे अपने स्मार्ट फ़ोन पर गेम का आनंद ले रही थी।तभी मेरे आंगन से मुझे बिल्लियों के लड़ने की आवाज़ आई।रोज़ की घटना समझकर मैंने नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने गेम के अगले पड़ाव में मॉघुल हो गई।मेरे घर के आंगन में एक कुआँ है ।अचानक से उसमे कुछ भरो चीज़ गिरने की आवाज़ आई।मुझे शंका हुई कि जरूर बिल्ली ही गिरी होगी।मैंने तुरंत आने बड़े भाई और म

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Shweta Sinha

ईश्वर ने जब बनाया पुरुष न हुआ था वो कुछ परेशान जब आई महिला को बनाने की बारी वो हो गया हैरान। सोच में पर गया , पर गया मन पर भारी बोझ, कैसे बनाऊं ऐसे काया

ईश्वर ने जब बनाया पुरुष न हुआ था वो कुछ परेशान जब आई महिला को बनाने की बारी वो हो गया हैरान। सोच में पर गया , पर गया मन पर भारी बोझ, कैसे बनाऊं ऐसे काया

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Shweta Sinha

नील कंठ,स्वेत मन, विष धारी, कैलाश वासी, भोले शिव है मेरे। भाव की अभिलाषा, रौद्र रूप के स्वामी, आदि शक्ति संग परमपूज्य, गजानंद के दाता, सर्वशक्ति के विधाता ,

नील कंठ,स्वेत मन, विष धारी, कैलाश वासी, भोले शिव है मेरे। भाव की अभिलाषा, रौद्र रूप के स्वामी, आदि शक्ति संग परमपूज्य, गजानंद के दाता, सर्वशक्ति के विधाता ,

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Shweta Sinha

बदला शहादत का आज दिल हुआ बाग बाग, सेना ने जब गिराया दुश्मनों पर गाज़, कमर तोड़कर रख दी दहशतगर्दों की, हुआ है हर भारतीय को जवानों पर नाज़। शहीदों की शहादत पर रोये थे जितना हम, उतना ही चैन आज पाया है,

बदला शहादत का आज दिल हुआ बाग बाग, सेना ने जब गिराया दुश्मनों पर गाज़, कमर तोड़कर रख दी दहशतगर्दों की, हुआ है हर भारतीय को जवानों पर नाज़। शहीदों की शहादत पर रोये थे जितना हम, उतना ही चैन आज पाया है,

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Shweta Sinha

मैं हुँ भारत का बेटा गर्व की चादर में आयां हूँ माँ, तू होती क्यों उदास है, तिरंगा थी शान मेरी, उसने ही आज बढ़ाया मेरा मान है। सोचा था बुढ़ापे में दूंगा तुझे हर सुख, बाबा का बनूँगा लाठी,

मैं हुँ भारत का बेटा गर्व की चादर में आयां हूँ माँ, तू होती क्यों उदास है, तिरंगा थी शान मेरी, उसने ही आज बढ़ाया मेरा मान है। सोचा था बुढ़ापे में दूंगा तुझे हर सुख, बाबा का बनूँगा लाठी,

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Shweta Sinha

कुछ ख्वाहिशें पूरी करने की जरूरत है,
ज़िन्दगी को  अब जीने की जरूरत है,
अरमान ऐसे है मेरे,
की हर कोशिश में तेरी ही जरूरत है। कुछ ख्वाहिशें पूरी करने की जरूरत है,
ज़िन्दगी को  अब जीने की जरूरत है,
अरमान ऐसे भी है मेरे,
की हर कोशिश में तेरी ही जरूरत है।

कुछ ख्वाहिशें पूरी करने की जरूरत है, ज़िन्दगी को अब जीने की जरूरत है, अरमान ऐसे भी है मेरे, की हर कोशिश में तेरी ही जरूरत है।

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