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pawandvivedi2551
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Pawan Dvivedi

hi my self pawan dwivedi I am simple and down to earth working a CEO of own pharmaceuticals company I am positive thinker and belive in karma writhing by passion riding is my hobby I never ever let down to anyone just join me talk to me and know more about me I am open book u can read but can't write anything

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Pawan Dvivedi

इससे पहले के तुझे और सहारा ना मिले मैं तेरे साथ हुँ जब तक मेरे जैसा ना मिले मुझको इक रंग अता कर ताकि पहचान रहे कलकला ये न हो तुझको मेरा चेहरा न मिले लोग कहते है के हम लोग बुरे आदमी है लोग भी ऐसे जिन्होने हमे देखा ना मिले.   बस यही कह के उसे मैंने खुदा को सौंपा इत्तेफाकन कहीं मिल जाये तो रोता ना मिले दुवा है के वहाँ आये जहाँ बैठते थे और ‘पवन’ वहाँ आपको बैठा ना मिले

©Pawan Dvivedi
  #retro

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Pawan Dvivedi

अब तो याद भी नहीं
कब-कब कहाँ और किस तट पर 
पैर रखा था आसरे के लिए..कहीं गड्ढे थे तो कहीं दलदल था..अब तो बस बह रहा हूँ नदी की धार में इसी उम्मीद के साथ कि कहीं तो ईश्वर ने मेरे हिस्से का किनारा लिखा होगा मौत से पहले या मौत के साथ...!!

©Pawan Dvivedi
  #lakeview किनारा

#lakeview किनारा #SAD

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Pawan Dvivedi

वो रहिए जो आप हैं,और वो कहिए जो आप महसूस करते हैं ,क्यूँकि जो लोग बुरा मानते हैं,मायने नहीं रखते और जो लोग मायने रखते हैं वो बुरा नहीं मानते।। 
सुप्रभात

©Pawan Dvivedi
  #Hope

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Pawan Dvivedi

मैं किसी के कारण खुद  को क्यूँ बदलूँ नजर उसकी बुरी है, तो परदा मैं क्यूँ रखूँ सोच उसकी गलत है,तो मैं क्यूँ छुपूँ?
वो बेवफा है तो मैं बावफा क्यूँ बनूँ ? जो गलतफहमियाँ उसको है मेरे बारे में उन सवालों के जवाब,मैं क्यूँ दूँ ? ये समस्या मेरी नही! उसकी है!

©Pawan Dvivedi
  #snowpark पर्दा

#snowpark पर्दा #Poetry

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Pawan Dvivedi

कुछ यूँ तेरा ख्याल मुझे आ के चला गया,
जैसे किसी बच्चे को कोई बहला के चला गया...!!
बड़ा गुरूर था दरिया को अपनी गहराई का,
कोई आकर निगाहों सेे उसे बहा के चला गया...!!

वो आया था ये कहकर के मेरी प्यास बुझायेगा,
बस पल भर वो लबों से लब मिला के चला गया...!!
मैं रोया था इक अरसे तक उसे पाने की खातिर,
वो आया और थपककर मुझे सुला के चला गया...!!
यूँ तो मैं अक्सर उसे कम ही याद करता था,
वो मिला यूँ के नई उम्मीद दिला के चला गया...!!

सर-ए-महफ़िल न जाने कितने दिल टूट गये होंगे,
वो आया और नज़रों से मुझे बुला के चला गया...!!

©Pawan Dvivedi
  #kohraधुंधला
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Pawan Dvivedi

कैसे शहर में आया हूँ जहां सहर नहीं होती,
तेरे बिन बर्फीली रातें मुझसे बसर नहीं होती...!!

आँखों में ना जाने कैसा रेगिस्तां आ के ठहरा है,
अश्क बरसते रहते हैं पर पलकें तर नहीं होती...!!

माना के हम में तुम में अब सारी बातें बदल गयीं,
अब जाड़े की सिहरन में यादों की धूप गुज़र नहीं होती...!!

मैंने कहा के ठीक हूँ मैं और तूने यूँ ही मान लिया,
अब क्या तुझको सिसकियों की मेरी खबर नहीं होती...!!

©Pawan Dvivedi
  #SunSet यादें

#SunSet यादें #Poetry

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Pawan Dvivedi

जो हूँ वही रहा वही रहूँगा भी जो था नहीं वो दिखना नहीं आया पारस था मैं पत्थर समझते रहे लोग अपनी पहचान बताने को घिसना नहीं आया पुरातत्व का कोई मर्तबान रहा जैसे इश्क़ के बाजार में बिकना नहीं आया एक गम के बोझ तले दम तोड़ दूँ 
फकीरों की तरह टिकना नहीं आया मैं एक कुशल पार्थ रहा जिंदगी का फिर भी ठोकरों से सीखना नहीं आया यूँ तो बहुत से मुद्दे हैं जहां में 'साहेब' इश्क़ के सिवा कुछ और लिखना नहीं आया

©Pawan Dvivedi
  #sadak प्रेम

#sadak प्रेम #Poetry

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Pawan Dvivedi

जाने क्यूँ  कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा,
लगता है धीरे धीरे मैं अखबार हो रहा हूँ...!!  
खुशियाँ न जाने क्यूँ मेरे घर ही नहीं आती,
जैसे दीपक के तले अंधकार हो रहा हूँ.!!
कुछ जख्म बेचकर कुछ दर्द खरीदे थे मैने
अब मंदी में डूबता व्यापार हो रहा हूँ...!!
कोई दोस्त नहीं मेरा इस दुनियाँ में देखो
मगर गमों का मैं सच्चा यार हो रहा हूँ...!!
मौत खुद जलती है मेरे दुखो को देखकर,
धीरे धीरे मैं जीने का हकदार हो रहा हूँ...!!
उसे इश्क नहीं हमसे, वो बर्बाद कर देगा मुझे
फिर भी जाने क्यूँ मैं खुदसे गद्दार हो रहा हूँ...!!
अब नहीं होता मुझसे महसूस मेरा बदन,
मोक्ष धोखा है मैं तो निराकार हो रहा हूँ...!!

©Pawan Dvivedi
  #अधूरा इंतजार

#अधूरा इंतजार #Poetry

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Pawan Dvivedi

कहते है जब दो टूटे दिल जुड़ते है
तो प्रेम करते नही प्रेम को जीते है.जब प्रथम बार किसी से प्रेम होता है तो बस उसे पाने की चाह रह जाती है जीवन में,उसको पाना ही उद्देश्य बन जाता है,ऐसे में यदि वो ना मिले तो रह जाता है अकेलापन और और उसी पीड़ा में रहता है नितांत अकेला.कितना अनोखा है ना.ईश्वर का व्यवहार भी.उसने हमें प्रेम करने का अधिकार तो दिया.पर उसकी एवज में प्रेम पाने पर नहीं खुद ईश्वर भी प्रेम को हमेशा तरसते ही रह गये जिसने जिसे चाहा उसके विपरित सब मिला रुक्मणि के हिस्से आए कृष्ण,राधा के हिस्से बांसुरी कृष्ण की प्रिय चीज,और मीरा के हिस्से में आई भक्ति अतः प्रेम पाना आवश्यक नहीं.उससे जुड़ी हर चीज,हर याद को संभालना प्रेम है...

©Pawan Dvivedi
  #lightning अधूरा प्रेम

#lightning अधूरा प्रेम #Poetry

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Pawan Dvivedi

अदावत   भूल  जाते हैं  हिमाकत  भूल  जाते   हैं
जहां के तंज  सब शिकवे  शिकायत  भूल जाते   हैं 
अगर ख़ामोश  हैं तो  ये  शरीफों   की  शराफ़त   है  साहेब जो 
कभी  अपने पे आ गए  वो शराफ़त भूल  जाते हैं

©Pawan Dvivedi
  #lightning

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