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सपना पारीक 'स्वप्न'

आत्मविश्वास लिए फिरते है साथ कोई दे न दे साथ....है न स्वप्न...!

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सपना पारीक 'स्वप्न'

एक खुशमिजाज़ इंसान को 

उदासियों के दलदल में धकेल कर

 स्वयं को गौरवान्वित समझते है।

है न स्वप्न...!

©सपना पारीक 'स्वप्न' #Ocean
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सपना पारीक 'स्वप्न'

धड़कती धड़कनों की ख़्वाहिश अधूरी जो रह गई 
रुक सी गई धड़कन भी अब ख़्वाहिश की तरह ।
है न स्वप्न...!
सपना पारीक 'स्वप्न'

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सपना पारीक 'स्वप्न'

‘आशा भरी निगाहें’

जज्बातों का क़त्ल कर ख़ुश हुए जा रहे
न जाने किस बात पर,इतराए जा रहे।

समझ नहीं पा रहे,भावना ओरों की
छोटी-सी चिंगारी में घी उड़ेले जा रहे।

हर बात का बतंगड़ बनाए जा रहे
देख ओरों को खुश, दुःखी हुए जा रहे।

मजबूरी देखकर, मजबूर किए जा रहे
आगे बढ़ते हुए को पीछे धकेले जा रहे।

कमाते हुए इंसान को लूटते जा रहे
जीने की चाहत को मौत में बदले जा रहे।

आशा के पंछी को निराशा में झोंके जा रहे
मुस्कुराहट को उदासी में बदले जा रहे।

क्यों?हर इंसान,इंसान को गिराते जा रहे
भेदभाव मिटा,स्वयं को न बदल पा रहे।

कोशिश करें गर,मिलजुल कर हम सब
स्नेह में बंधकर ,सारा जहां एक हो जाए।

भाईचारे की भावना को बढ़ाते चले जाए
सारा जहां एक धागे में मोती पिरोते जाए।
है न स्वप्न…!

सपना पारीक ‘स्वप्न’ #simplicity
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सपना पारीक 'स्वप्न'

नज़र से नज़र को नज़र अंदाज़ नहीं कीजिए

कभी तो नज़र से नज़र को मिला लिया कीजिए।

है न स्वप्न ...!

सपना पारीक 'स्वप्न'

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सपना पारीक 'स्वप्न'

दर्द कागज़ों पर उकेरने की करते रहे कोशिश 
दर्द है कि छपने का नाम ही नहीं ले पा रहा।
है न स्वप्न...!
सपना पारीक 'स्वप्न'

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सपना पारीक 'स्वप्न'

जीवन के सत्य से वाक़िफ़ है
फिर भी न जाने क्यों ?
अनजान रहना पसंद है।
है न स्वप्न...!
सपना पारीक 'स्वप्न'

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सपना पारीक 'स्वप्न'

अल्फ़ाज़ों को समेटते समेटते 
ना जाने कब ख़ुद बिख़र गए।
है न स्वप्न...!
सपना पारीक 'स्वप्न' #World_Pi_Day
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सपना पारीक 'स्वप्न'

दर्द को जब दर्द हुआ
तब दर्द को दर्द का अहसास हुआ
अब तक न समझ पाया था दर्द ,दर्द को
खुद पर बीती तो हुआ इतना दर्द।
है न स्वप्न...!

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सपना पारीक 'स्वप्न'

तर्क करना हमारी फ़ितरतो  में शामिल तो न था 

मगर तर्कहीनता भी तो बुद्धिहीनता की निशानी है।
 है न स्वप्न ...! फ़ितरत....

फ़ितरत....

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सपना पारीक 'स्वप्न'

महफ़िल में आए थे वो इस उम्मीद में 
कोई कहेगा हमसे , हम कहेंगे उनसे।
है न स्वप्न...!

©सपना पारीक 'स्वप्न' महफ़िल....

महफ़िल....

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