Nojoto: Largest Storytelling Platform
kanchansharma4994
  • 11Stories
  • 3Followers
  • 56Love
    80Views
  • Popular
  • Latest
  • Video
37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

क्या तुझे सुनाऊँ मेरी मैं, चल तू अपना मुझे सुना दे, आ।
सब लीपा पोती छोड़ कहीं, जग अनसुना मुझे सुना दे, आ।

राग अलाप सब सुर-सरगम के तार सभी गुनगुना दे, आ।
काग़ज़, क़लम, किताब, निरुक्त के अस्तित्व सभी भुना दे, आ।
चल तू अपना मुझे सुना दे, आ..

आ संगीत की रेखा मोड़ कहीं, आ बिकते किस्सों से नाता तोड़ कहीं,
आ नज़रों में निश्छल दर्पण लेकर कि मन के आस सभी गिना दे, आ।
चल तू अपना मुझे सुना दे, आ..

आ सुना जो कुछ भी पास है तेरे, आ सुन ले जो मुझे आभास नहीं है।
ला फ़ुरसत में क़ायनात टटोल कोई, छुपकर, राज़ कोई भुनभुना दे, आ।
चल तू अपना मुझे सुना दे, आ..

©KanKum सुना दे, आ.. 

#lovequote #lostLetter #Nojoto #Hindi #Poetry #Thoughts

सुना दे, आ.. #lovequote #lostLetter #Hindi Poetry Thoughts #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

तेरी नज़रों से नज़रें बचाकर के,
जो चुपके तुझे छू कर गुज़री है!
उन हवाओं सी, पर्दों में सही,
पर इज़हार-ए-मोहब्बत सच्ची है!

ख़ुदा की इबादत भुलाकर के,
जो क़लमा तेरे नाम का पढ़ती है!
उन शायराना लफ़्ज़ों के गर्तों में सही,
पर इज़हार-ए-मोहब्बत सच्ची है!

ज़माने की बेड़ियों को चिढ़ाकर के,
जो तेरे दर पर ही आ ठहरी है!
उन उड़ती अफ़वाहों की परतों में सही,
पर इज़हार-ए-मोहब्बत सच्ची है!

अपनी सारी सुदबुद गंवाकर के,
जो दिल-ओ-दिमाग में आ उतरी है!
उन रिवाज़ों सी कायम शर्तों में सही,
पर इज़हार-ए-मोहब्बत सच्ची है!

मेरा नाम-ओ-निशां मिटाकर के,
जो हर ओर फ़िज़ा में पसरी है!
उन किताबी पन्नों के गर्दों में सही,
पर इज़हार-ए-मोहब्बत सच्ची है!

©KanKum इज़हार-ए-मोहब्बत!

#Nojoto #nojotohindi #loveletter #lostLetter #Confession 

#SunSet

इज़हार-ए-मोहब्बत! #nojotohindi #loveletter #lostLetter #Confession #SunSet #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

औरों से कुछ कम फिर भी, 
बहुत ज़्यादा की आस है,
हर ओछी दृष्टि की छुअन मिटा दे, 
उन गहरे झीलों की प्यास है!

©KanKum गहरे झीलों की प्यास!

#Love #lostLetter #nojotohindi

गहरे झीलों की प्यास! Love #lostLetter #nojotohindi #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

सुर्ख़ रक्त सा लाल या पीला हो कोई गुलाल सा,
हरियाली हो वृक्षों की या भूरा किसी सूखे छाल सा,
भले काली हो घिरी घटायें या नीला हो गहरे ताल सा,
हर रंग को बेरंग करता, उसे भाता रंग, राख कपाल का!

हो बैराग में लिपटी सादगी या गृहस्थी का माया जाल हो,
आचरण हो भोलेपन का या वो रौद्र रूप में काल हो,
भले बसे हों कंकड़ में या समाहित ब्रह्मांड विशाल वो,
जिसमें रंग-रूप-आकार-आचरण, वही त्रिलोचन, चंडाल वो।

हो भस्म से तन सज्जा उसकी, कपाल की माला अंग चढ़े,
जो पिए हलाहल घूँट-घूँट, उसे कहाँ कहीं धुत भंग करे,
हो कितने उत्सव गणना क्या, हो कितने ही नटरंग गढ़े,
हर उल्लास लज्जित हो तब-तब, वो अघोरा जब हुड़दंग करे।

©KanKum अघोरा का हुड़दंग!
#होली #Nojoto #hindi #happyholi

अघोरा का हुड़दंग! #होली #Hindi #happyholi #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

सुना है!
खूब चर्चा होने लगी है तुम्हारी इन ख्यालों में।
जाने क्यों बस गए हो तुम इन नज़र के उजालों में?
यूँ तो लोग पूछ लिया करते थे हाल मेरा,
अब ज़िक्र तुम्हारा भी होने लगा है उनके सवालों में।

©KanKum सुना है!

#love #letter #lostLetter

सुना है! love #letter #lostLetter #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

तू चाँद है, तुझ पर मरते हैं, 
मरने वाले कितने ही!
तुझे पाने की हिमाकत करते हैं, 
डरने वाले कितने ही!
मैं चकोर हूँ, मेरी किस्मत में, 
तुझ से हसीं की आस कहाँ!
फिर भी तरते हैं इश्क़ में, मुझ से, 
तरने वाले कितने ही!

©KanKum #विडंबना #चाँद
37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

चलो! फिर बचपन जी कर आते हैं!!
चलो! फिर बचपन जी कर आते हैं!!

गाँव के सुनसान बगीचों में, फिर से दौड़ लगाते हैं,
उन पेड़ की डालियों को फिर से, झूलों से सजाते हैं,
मायूस मुरझाए पेड़ों को, चलो! फिर से हँसना सिखाते हैं,
उन गर्मी की छुट्टियों की सारी, यादों को सी कर आते हैं!
चलो! फिर बचपन जी कर आते हैं..

दादी-नानी की कहानियों की, वो हसीन दुनिया बसाते हैं,
दादा से टॉफी बिस्कुट लेने को, शराफ़त से कतार लगाते हैं,
छोटे चाचा संग मिलकर, पूरे घर में हुड़दंग मचाते हैं,
बिना पंखे और ए.सी. के, तारों के बीच सपने सजाते हैं,
कुएँ में रस्सी डाल के ठण्डा पानी पी कर आते हैं!
चलो! फिर बचपन जी कर आते हैं..

©KanKum चलो फिर बचपन जी कर आते हैं..

#ChildrensDay

चलो फिर बचपन जी कर आते हैं.. #ChildrensDay #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

है लाख हसीन दुनिया में फ़िर भी
नज़रें बस तुझपे ही आ टिक जाती हैं।
देखती हैं ये बस उस ओर जिधर
तेरे ज़िक्र की परछाई इसे दिख जाती है।

गुज़रती है ठिठुरते रातों की सिसकी
तेरे सांसों के गर्मी की ख़्वाहिश में,
पर ओढ़ पलकों पे तेरे अक्स की चादर,
इन फ़ासलों में भी बाहें सिक जाती है।

मैं जब भी ढूँढती हूँ मेरा वजूद मुझमें
जाने मेरे ख़्याल क्यों पता बदल लेते हैं
खिल उठती हैं ये अधरें भी साज़िश पर
जब स्याही मेरे पलकों की नाम तेरा लिख जाती है

बंद करती हूँ किवाड़ बावरे मन का फिर, 
अरमानों के पंख समेटने की ख़ातिर,
पर चाँद का मारा चकोर ये मन मेरा,
जिसे लबों का तेरे नूर कहीं, आहिस्ता पिघलाती है।

लड़ती हूँ, जतन हज़ार करती हूँ खुद से
टूटने की नौबत से पहले लौट जाने की
मग़र चाहतों की मंडी में खड़े जज़्बात मेरे
अनमोल सही, तेरी एक मुस्कान पर बिक जाती है।

सिहर उठती है आहें इस डर में कहीं
छलावा मिट जाए ना तेरे पास होने की,
तेरी यादें तेरी खुशबू तेरा एहसास खोने की
कुछ यूँ लाज़मी है इस पहेली में हिस्सा तेरा
जो इस नादान को धड़कना फ़िर सिखलाती है।

©KanKum सितारा!!

#MereKhayaal

सितारा!! #MereKhayaal #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

सितारा!

#MeraWalaPyaar

सितारा! #MeraWalaPyaar #कविता

37d7fd3eb5f5073bff04898baa1bf2fd

KanKum

जो अपने आप से छुपाया था मैंने,
वो सारे राज़, तुम्हें मालूम थे!

हर शिकन की वजह जानते थे तुम,
मेरे सुकून के साज़, तुम्हें मालूम थे!

तुम मौजूद थे मेरी ख़ैरियत में सदा,
जो हुए कभी नासाज़, तुम्हें मालूम थे!

मेरे अंजामों की डगर पर थे तुम,
मेरे सभी आगाज़, तुम्हें मालूम थे!

©KanKum तुम्हें मालूम थे!

#FadingAway

तुम्हें मालूम थे! #FadingAway #कविता

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile