मैं नहीं लिख सकती नज़्म कोई
और न ही कोई गज़ल तुम्हारी तरह ,
पर मैं लिख सकती हूँ तुम्हारे बारे में ,
तुम्हारे बालों के घुमाव से लेकर
तुम्हारे पैरों पर खूबसूरती से
उभरती हुई रगों के बारे में ,
मैं लिख सकती हूँ तुम्हारे होठों पर
लगी हुई सिगरेट से निकल #yqbaba#yqdidi