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harshamishra6651
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harsha mishra

कलम हाथों में रखने वाले कभी कमजोर नहीं होते। कर लो तुम प्रयत्न जितना कर सको, तुम मुझसे नहीं मेरे महादेव से हारोगे। शून्य हो चुकी भावनाएं,और रिक्त हो चुके हम परिवर्तन की अभिलाषा में ,मृत हो चुके हम।

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harsha mishra

 R Ojha  #शून्य राणा  Sircastic Saurabh  Kumar Shaurya  विवेक ठाकुर 'शाद'

R Ojha #शून्य राणा Sircastic Saurabh Kumar Shaurya विवेक ठाकुर 'शाद' #कविता

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harsha mishra

White  मेरी मासूमियत पर गजल लिखने वाले
मेरी झोपडी सी शख्सियत को महल लिखने वाले
कर कर के तारीफ मेरा मोल आंकते हैं
ये बेशकीमती लोग,,पल पल में बिकने वाले।

©harsha mishra #good_night
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harsha mishra

White मैं  अपने अंदर के रावण का पुतला बनाऊं कैसे?
आग लगाने वाली इस जिह्वा में,,आग लगाऊं कैसे?

©harsha mishra #Dussehra
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harsha mishra

White आपकी तरक्की से यदि कोई जलता है
तो आप उसे और जलाइए
और तरक्की कीजिए।
ताकि जलने वालों को उनके अंतिम समय में 
लकड़ी और घी की आवश्यकता न पड़े।
😂😂

©harsha mishra #bloody जलनखोर लोग😂

#bloody जलनखोर लोग😂 #कॉमेडी

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harsha mishra

White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

ये श्री राम को ना मानते,,,,,, #कविता

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harsha mishra

White व्याकुल मन की परछाई कोई देख ना ले
हम लिख लेते हैं।
मेरे आसूंओं को डर है कोई देख ना
वो छिप लेते है।

©harsha mishra #sad_quotes
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harsha mishra

White तुम चले गए 
अलविदा भी ना कहा।
इतनी क्या थी जल्दी।
अब मुझे मिश्राइन कोई भी बोले तुम याद आओगे।

अलविदा कुंदन,,,, बहुत  याद आओगे😭🙏💐💐

©harsha mishra
  # जहां भी रहो खुश रहो Kundan Dubey

# जहां भी रहो खुश रहो Kundan Dubey #शायरी

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harsha mishra

White कब तक😪

आंगन की किलकारियां
क्यों सिसकियों में बदलतीं हैं?
मेरे ही चश्में के शीशे
मेरे आंखों में चुभतीं हैं।

कभी पैरों पर खड़ी मै
आज फर्श पर पड़ी थी मैं।
मेरे जिस्म के लहू बताते हैं
दरिंदों से कितना लड़ी थी मैं।

मेरे कंठ की पुकार से
कितनों को हंसाया मैंने ।
तोड़ गई वही गर्दन
हाय कितना चिल्लाया मैंने।

बदन तो मैंने ढका  ही था
मर्यादित मेरी काया थी।
बताओ ना मेरी गलती अभी
क्यों मंडराई बुरा साया थी?

अरे मां ने कहा 
पापा ने कहा
शिक्षक ने भी तो कहा था
सच बोलो,,सच के लिए बोलो
सच बोली तो मार दी गई मैं
झुकी नहीं तो लुट ली गई मैं।

हैवानियत का जनाजा
कब निकलोगे दोस्तों?
मोमबत्तियां बहुत जला ली
हैवानों को कब जलाओगे दोस्तों?

निर्भया की नजरों में 
भय का ठिकाना गूंजता है।
इस दरिंदगी से हमें कब
बचाओगे दोस्तों?

जिस्म मेरा मर गया
आत्मा रो रही है अब तक।
मिलने से रही मुक्ति
दोषी आजाद हैं जबतक

दोषी आजाद हैं जबतक

हर्षा मिश्रा
रायपुर

©harsha mishra
  #kolkata #न्याय
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harsha mishra

White मुझे दरकिनार करने वाले शख्स ने किनारे खो दिए हैं
और कुछ लोग समझते हैं मेरी अहमियत कुछ भी नहीं।
मेरे हिस्से का प्यार बांटने वालों के हिस्से में कुछ न बचा
मेरे खाते में मेहर है ऊपर वाले का,
लोग समझते हैं मेरी मिल्कियत कुछ भी नहीं।

©harsha mishra
  #rainy_season
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harsha mishra

आस्तीन के सांपों को कुचलना जानती हूं।

आस्तीन के सांपों को कुचलना जानती हूं। #विचार

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